हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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दुर्ग।बर्मिघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में बैडमिंटन के मिक्सड टीम इवेंट में भारत सिल्वर मेडल हासिल करने में सफल हुआ है। गोल्ड मेडल के लिए भरसक प्रयास कर रही भारतीय टीम को फाइनल में मलेशिया के हाथों 3-1 से हार का सामना करना पड़ा। पीवी सींधू के अलावा अन्य कोई भी भारतीय खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों पर विजय प्राप्त नहीं कर पाया। ट्रीसा-गायत्री की जोड़ी, सात्विक-चिराग की जोड़ी और श्रीकांत अपने अपने मैच में पराजित हुए। इस वजह से भारत को इस इवेंट में सिल्वर मेडल से ही संतुष्ट रहना पड़ गया। लेकिन फाइनल तक के भारत के इस सफल में दुर्ग की बेटी और छत्तीसगढ़ की शान आकर्षि कश्यप का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा। बीस वर्षीय आकर्षि कश्यप को यूं तो फाइनल व सेमिफाइनल में खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन क्वार्टर फाइनल में दक्षिण अफ्रिका के विरुद्ध उनके और अन्य भारतीय खिलाड़ियों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत ही भारतीय टीम को सेमिफाइनल में सिंगापुर के विरुद्ध खेले का मौका मिला और भारतीय टीम ने सिंगापुर को 3-0 से पछाड़ कर फाइनल में जगह बनाई थी।
क्वार्टर फाइनल में चला आकर्षि का जादू
दक्षिण अफ्रिका के विरुद्ध खेले गए क्वार्टर फाइनल में आकर्षि, लक्ष्य सेन व अश्विनी- सुमिथ की जोड़ी सभी ने अपने अपने मैच में प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों को पराजित किया था। वूमन सिंगल्स में आकर्षि ने बेहतरिन खेल का प्रदर्शन करते हुए दक्षिण अफ्रिका की जोहानिता सोल्टज पर 21-11, 21-16 से जीत दर्ज कर कोर्ट से बाहर का रास्ता दिखाया। आकर्षि ने जिस तरह से परिपक्व खेल का प्रदर्शन किया इससे पूरे प्रदेशवासी गौवांवित हैं, खास कर उनके गृहनगर दुर्ग में हर तरफ उनकी उपलब्धियों की ही चर्चा है। सभी कसारीडी दुर्ग निवासी उनके पिता डॉ संजीव कश्यप और परिवार को बधाई दे रहे हैं।
इसतरह आकर्षि ने किया प्रतिद्वंदी खिलाड़ी का हौसला पस्त: