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बिग कंट्रोवर्सी: क्या अपर कलेक्टर की गाड़ी रोकने वाले टीआई ने शराब पी थी?


– पुलिस विभाग ने ब्रेथ एनेलाईजर से जांच कर बताया अल्कोहल रिपोर्ट निगेटिव

– अपर कलेक्टर ने डॉक्टरी जांच को आधार बना कहा निरीक्षक ने शराब सेवन किया था

दुर्ग। गुरुवार की सुबह से एक खबर वायरल हो रही है जिसमें बताया जा रहा है कि बुधवार की रात अमलेश्वर पुलिस ने एक गाड़ी रोकी जिसके सामने में अपर कलेक्टर लिखा था। वाहन में एक व्यक्ति बैठा था जिसे समझाइश दे कर मौके पर उपस्थित निरीक्षक राजेंद्र यादव ने वापस भेज दिया। इसके बाद अंबिकापुर अपर कलेक्टर तनुजा सलाम अपने भाई और भांजे के साथ अमलेश्वर थाना पहुंच गई और हंगामा करते हुए निरीक्षक सहित अन्य स्टाफ पर शराब सेवन का आरोप लगाया। यह भी कहा जा रहा है कि अपर कलेक्टर ने वहां पदस्थ पुलिसकर्मियों की  अल्कोहल टेस्टिंग भी कराई और टेस्टिंग में पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस घटना ने एक बड़ी बहस खड़ी कर दी है। क्योंकि अंबिकापुर अपर कलेक्टर तनुजा सलाम का कहना है कि वाहन रोकने वाले निरीक्षक सहित अन्य पुलिस कर्मी शराब के नशे में थे और दवाई लेने जा रहे उनके भाई को रोका और गाली गलौज करते हुए उसके साथ अभद्र व्यवहार किया। अब इस मामले को लेकर अपर कलेक्टर और दुर्ग पुलिस दोनों आमने सामने हो गए हैं। कौन सच कह रहा है यह तो निरीक्षण राजेंद्र यादव के ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलता, जिसकी जानकारी अभी तक दोनों पक्ष में से किसी ने भी नहीं दी है।

दुर्ग पुलिस ने कुछ इस तरह दिया घटना का ब्यौरा:

दुर्ग पुलिस द्वारा गुरुवार को सुबह एक प्रेस रिलीज जारी की गई जिसमें बताया गया है कि 3 अगस्त की रात्रि रायपुर से आने वाली गाड़ियों की चेकिंग करने पॉइंट पर थाना अमलेश्वर के सामने निरीक्षक राजेंद्र यादव, उपनिरीक्षक विजय मिश्रा, उप निरीक्षक सीदार व अन्य दो स्टाफ चेकिंग ड्यूटी पर थे। स्टाफ ने महादेव घाट की ओर जा रही एक सफेद रंग की कार को रोका और कहां जा रहे हो पूछा। कार चालक ने पहले कहा घूमने जा रहे हैं फिर बाद में कहा केक लाने जा रहे हैं। गाड़ी के सामने अपर कलेक्टर लिखा था देख जब पुलिसकर्मियों ने पूछा कि कार में कौन अधिकारी बैठे हैं तो वाहन चालक ने कहा नहीं बैठे हैं। इस पर निरीक्षक राजेंद्र यादव द्वारा कहा गया कि जब अधिकारी नहीं रहते तब इसे लाल पट्टी से ढक दिया करो ,गाड़ी का दुरुपयोग मत करो, रात में मत घूमो। इसके बाद गाड़ी को वापस भेज दिया गया। इस बात पर अपर कलेक्टर अंबिकापुर तनुजा सलाम अपने भाई और भांजे के साथ थाना पहुंच गईं और रात्रि गश्ती टीम पर शराब के नशे में होने, बद्तमीजी से बात करने और गाली गलौज करने का आरोप लगाया। तनुजा सलाम मैडम के द्वारा नायब तहसीलदार पाटन डीकेश्वर साहू, नायब तहसीलदार आलोक वर्मा की उपस्थिति में स्टाफ का एमएलसी कराने डॉक्टर को झिट से बुलवाया गया, जिसमें स्टाफ का अल्कोहल सैंपल नेगेटिव पाया गया।

इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कह रही अल्कोहल जांच निगेटिव

विभागीय जांच के लिए पत्राचार करेंगे: पुलिस अधीक्षक

इस संबंध में दुर्ग एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने ‘हितवार्ता’ से कहा कि अमलेश्वर स्टाफ की अल्कोहल टेस्टिंग की गई जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। यह जांच का विषय है कि अंबिकापुर अपर कलेक्टर की गाड़ी अमलेश्वर में क्या रही थी? वाहन चला रहे व्यक्ति के पास कोई आईडी कार्ड भी नहीं था। इस संबंध में हम विभागीय जांच के लिए संबंधित विभाग से पत्राचार करेंगे।

मेरे सामने जो जांच हुई उसमें शराब सेवन पाया गया: अपर कलेक्टर

मामले को लेकर जब ‘हितर्वाता’ ने अंबिकापुर अपर कलेक्टर तनुजा सलाम से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उनका घर अमलेश्वर में है और उनका भाई रात में दवाई लेने जा रहा था। निरीक्षण राजेंद्र यादव व अन्य स्टाफ ने उनके भाई को रोका और अश्लील गालियां देते हुए दुर्व्यवहार किया। पता चलने पर वे अमलेश्वर थाना पहुंची। वहां उन्होंने देखा कि स्टाफ शराब के नशे में है। इसलिए सामुदायिक स्वा केंद्र झीट से डॉक्टर बुलवाकर निरीक्षक राजेंद्र यादव का अल्कोहोल टेस्ट कराया। टेस्ट के दौरान डॉक्टर ने पाया कि निरीक्षक के मुंह से शराब की स्मेल आ रही है। निरीक्षक का ब्लड सैंपल भी अल्कोहल जांच के लिए भेजा गया है।

इस डाक्टरी परीक्षण के आधार पर अपर कलेक्टर कह रहीं निरीक्षक ने शराब पी थी।

क्या हाथ डालने से बच रहे थे सभी?

  • रात में 2.50 बजे अल्कोहल जांच के लिए ब्लड सैंपल लिया गया और झींट से दुर्ग जिला अस्पताल भेजा गया।
  • सुबह 5.25 बजे सैंपल दुर्ग जिला अस्पताल पहुंचा पर जांच के लिए रायपुर भेज दिया गया।
  • सुबह 7.48 बजे सैंपल डॉ अंबेडकर अस्पताल रायपुर पहुंचा और जांच के लिए मेडिसिन विभाग भेज दिया गया।

अब सवाल यह खड़ा होता है-

  1. अगर निरीक्षक ने शराब सेवन किया था तो अपर कलेक्टर ब्लड सैंपल जांच की रिपोर्ट मांगने पर उपलब्ध क्यों नहीं करा पाईं?
  2. अगर पुलिस विभाग के अनुसार निरीक्षक ने शराब सेवन नहीं किया था तो अपर कलेक्टर क्यों उनके ब्लड सैंपल टेस्ट के लिए भिजवाएंगी? क्योंकि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी होने के नाते वे भी भलीभांति जानती हैं कि रिपोर्ट निगेटिव आने पर उनकी ही फजीहत होगी।
  3. ब्लड सैंपल की रिपोर्ट का क्या हुआ? जबकि इसी से दूध का दूध का दूध और पानी का पानी सब साफ हो जाएगा।
  4. पुलिस के विवरण में वाहन चालक ने पहले घूमने और बाद में केक लाने की बात कही जबकि अपर कलेक्टर का कहना है कि उनका भाई दवाई लेने गया था। दोनों पक्ष अलग अलग बात कह रहे आखिर युवक आधी रात में अपर कलेक्टर की गाड़ी लेकर कहां जा रहा था?