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छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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भिलाई। देश के सबसे बड़े इस्पात संयंत्र भिलाई स्टील प्लांट का प्रतिनिधि यूनियन चुनने शनिवार को मतदान हुआ। काफी गहमा गहमी के बीच 13422 मतदाताओं में से 86.6 प्रतिशत के वोट पड़े हैं। इस बार 11605 कर्मचारियों ने वोटिंग की है। मतदान को लेकर संयंत्र प्रबंधन ने पूरी तैयारी पहले ही कर ली थी और तमाम यूनियन के लोग भी सुबह से ही सक्रीय हो गए थे। सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान का अवसर कर्मचारियों को दिया गया और उसके मतगणना की प्रक्रिया शुरु कर दी गई। हालांकि काउंटिंग रात 9 बजे तक शुरु नहीं हो पाई थी, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि देर रात तक चुनाव के परिणाम आ पाएंगे।
गौरतलब है कि बीएसपी में कर्मचारियों का प्रतिनिधि यूनियन चुनने हर दो साल में चुनाव होता है। पिछली बार 2019 में चुनाव हुआ था जिस हिसाब से 2021 में फिर से चुनाव होना था लेकिन कोरोना इंपैक्ट की वजह से चुनाव नहीं कराया जा सका। इसे एक साल की देरी के बाद 30 जुलाई 2022 को आयोजित किया गया। पिछले बार के चुनाव में इंटक को सर्वाधिक मत मिले थे और प्रतिनिधि यूनियन बनने का मौका मिला था। इस बार इंटक अपनी उपलब्धियों को लेकर चुनाव में उतरा है वहीं बीएमएस, सीटू, एटक सहित अन्य यूनियन इंटक की नाकामियों को भूनाने का पूरा प्रयास इस चुनाव में किया है। अब मतगणना के बाद ही पता चलेगा की कौन अपने प्रयास में सफल हुआ और कर्मचारियों ने किस यूनियनों की बातों पर विश्वास जताया है।
वोटर कम टेबल ज्यादा:
बताया जा रहा है कि पिछली बार लगभग 16 हजार कर्मचारी मतदाता थे, जिनकी तुलना में इस बार लगभग 3 हजार मतदाता कम हो गए हैं। फिर भी इस बार ज्यादा टेबल लगाए गए थे। निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार ज्यादा टेबल लगाने से मतगणना का रिजल्ट जल्दी आने की उम्मीद रहती है। इसके साथ ही इस बार का चुनाव कोरोना काल में आयोजित किया गया है इसे देखत हुए सुरक्षा के भी पर्याप्त उपाया किए गए थे। बगैर मास्क के मतदान केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था, वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के भी प्रयास किए गए। सुरक्षा के सभी इंतजामों का अमलीजामा पहनाने सीआईएसएफ की टीम को कमान सौंपी गई थी।
स्पेशल पास की भी व्यवस्था:
यूनियन चुनाव में इस बार कई कर्मचारी ऐसे भी थे हो 30 जून या इसके बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे कर्मचारयों को भी मतदान का अधिकार दिया गया था और इनके लिए स्पेशल पास की व्यवस्था की गई थी। उन्हें यह पास आईआर गेट में संपर्क करने पर उपलब्ध कराया गया।