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गोल्डन अवर में क्या करें, एबीसीडी क्या होता है? जाना पुलिसकर्मियों ने


– आपातकाल में लोगों की जान बचाने दुर्ग पुलिस ने किया एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

– दुर्ग पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी हुए शामिल, विशेषज्ञों ने दिए टिप्स

  दुर्ग। सड़क दुर्घटना, मेडिकल इमरजेंसी, आगजनी व अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में लोगों की जान बचाने के तरिकों का प्रशिक्षण देने एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक दुर्ग डॉ  अभिषेक पल्लव के निर्देशन में इस कार्यशाला का आयोजन 3 अगस्त को एसएनजी स्कूल सेक्टर 04 में हुआ। कार्यशाला में पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज के रिजर्व बल ( दुर्ग , बालोद , बेमेतरा , कवर्धा , राजनांदगांव ) , डॉयल 112 , थाना पेट्रोलिंग , हाईवे पेट्रोलिंग , छ.ग. सशस्त्र बल के जवान एवं यातायात पुलिस के अधिकारी / कर्मचारी तथा नगर सेना के आपातकालीन टीम ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यक्रम में सर्व प्रथम इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन के डॉ. अखिलेश यादव, डॉ . विपिन जैन ( जिला चिकित्सालय दुर्ग ), सेक्टर 9 हॉस्पितल से डॉ . जवेश दवें , शंकराचार्य हॉस्पिटल से डॉ . राकेश ठक्कर , डॉ.अनुराग चन्द्राकर ने किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को नज़दीकी अस्पताल पहुंचाने तक के उस गोल्डन ऑवर में प्राथमिक चिकित्सा या विभिन्न तौर तरीकों के बारे में बताया, जिससे घायल या विक्टिम की जान बचाई जा सके। साथ ही घटना या दुर्घटना के बाद जो स्थिति बनती है, उस दौरान पुलिस को घायल की जान बचाने के लिए क्या – क्या करना चाहिए इस संबंध में प्रश्न उत्तर के माध्यम से उपस्थित पुलिस जवानों के सवालों का जवाब दिया।

कार्यशाला में जान बचाने का प्रशिक्षण देते विशेषज्ञ

एबीसीडी का महत्व बताया

कार्यशाला के दौरान डॉक्टरों की टीम ने बताया कि ए फार एयर , बी फार ब्रिथिंग , सी फार ब्लड र्कुलेशन , डी फार डिसेबल्टी होता है। इन चार चीजों का ध्यान रखते हुए घायल की मदद कैसे करनी चाहिए इसकी जानकारी भी दी । साथ ही घटना स्थल पर घायल व्यक्ति को कैसे उठाना चाहिए, उसे किस अवस्था में रखना चाहिए और सीपीआर कैसे दिया जाता है, यह सब डॉक्टरों की टीम ने डेमो के माध्यम से बताया। तत्पश्चात नगर सेना के जिला सेनानी नागेन्द्र सिंह एवं उनके टीम ने आग लगने व पानी में डूबने के दौरान, मारपीट के दौरान चाकू लगने पर, सड़क दुर्घटना में हड्डी टूटने , सांप , बिच्छू, कुत्ता के काटने पर सर्व प्रथम क्या करना चाहिए इस संबंध में डेमो के माध्यम से प्रशिक्षण दिया। बीएपी के जी.पी सिंह (जी.एम ) ने प्लांट में गैस रिसव होने पर क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इस संबंध में जानकारी दी। गुरजीत सिंह उप पुलिस अधीक्षक ( यातायात ) ने यातायात नियम के पालन संबंधी जानकारी प्रदान की।  सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने वाले ( गुड सेमेरिटन ) को कानून द्वारा प्राप्त के बारे में बताया।                  

स्वयं सीखें और दूसरों को भी सिखाएं: एसपी               

कार्यक्रम में उपस्थित पुलिसकर्मियों का संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम आगे जीवन में बहुत ही उपयोगी साबित होगा। चाहे आप ड्यूटी पर हों या अपने घर पर हों अथवा आप कहीं पर हों घायल की मदद करना यह एक सामाजिक कार्य है। तरीका पता होने पर आप किसी भी व्यक्ति की जान बचा सकते हैं। एसपी ने आगे कहा कि आप यहां से प्रशिक्षण के दौरान जो सीख रहे हैं आने वाले समय में अपने मित्रों एवं समाज में लोगों को इसकी जानकारी भी दें। नियमों के प्रति स्वयं जागरूक रहते हुए अपने सभी नजदिकियों को नियमों के प्रति जागरूक करें। आज सड़क दुर्घटना गंभीर विषय है, इसकी वजह से अधिकतर नवजवानों की जान जा रही है, अतः लोगों को यातायात नियमों प्रति जागरूक करना हमारा उत्तरदायित्व है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( शहर ) संजय कुमार ध्रुव ने कार्यक्रम का परिचात्मक उद्बोधन देते हुए कहा कि आज का यह कार्यक्रम आने वाले समय में पुलिस के कार्य में बहुत ही सहयोगी साबित होगा। जिससे राहत एवं बचाव कार्य में आम नागरिकों को लाभ होगा। कार्यक्रम के अंत में नीलेश द्विवेदी उप पुलिस अधीक्षक, लाईन के द्वारा कार्यक्रम में भाग लेने वाले पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी के प्रति अभार प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में अनंत साहू अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( ग्रामीण ) , विश्वास चन्द्राकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( यातायात ), निरीक्षक संग्राम सिंह , निरीक्षक चंद्रकात कोसरिया , निरीक्षक कुंजबिहारी नागे, रक्षित निरीक्षक अनीष सारथी , यातायात निरीक्षक के.के कुशवाहा , दुर्गेश शर्मा , राजेश साहू एवं तृप्ति सिंह सूबेदार रक्षित केन्द्र दुर्ग उपस्थित रहे ।