हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
दुर्ग। भिलाई अभियांत्रिकी संस्थान के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉक्टर संतोष कुमार सार को तुर्की के कुसदासी शहर में 19 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक होने वाले अंतरराष्ट्रीय परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन में विशेष व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया है। डॉ संतोष इस सम्मेलन भी भाग लेने आज तुर्की के लिए रवाना हुए। इस कार्यक्रम में डॉ. संतोष कुमार सार, भारतवर्ष में उनके द्वारा किए गए नेशनल यूरेनियम प्रोजेक्ट एवं उसके रोकथाम के उपायों पर किये गए कार्यों पर अपना उद्बोधन प्रस्तुत करेंगे, साथ ही उद्घाटन समारोह में अध्यक्षता भी करेंगे। इस सम्मलेन में दुनिया भर के विभिन्न देशों के वैज्ञानिक सम्मिलित होंगें तथा परमाणु क्षेत्र में नए और रोमांचक परिणामों को साझा करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन पिछले 42 वर्षों से बुनियादी परमाणु विज्ञान, परमाणु प्रौद्योगिकियों और उनके अनुप्रयोगों के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों में काम करने वाले शिक्षाविद और विशेषज्ञ वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान साझा करने, अनुसंधान परिणामों का मूल्यांकन करने और चर्चा के लिए एक वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ संबंधों को मजबूत करने और मित्रता बढ़ाने के लिए कार्य कर रहा है । इस सम्मेलन का लक्ष्य सामाजिक घटनाओं के ढांचे के भीतर शोधकर्ताओं के बीच और संयुक्त वैज्ञानिक अध्ययन के लिए पृष्ठभूमि स्थापित करके निरंतरता प्रदान करना है । अंतर्राष्ट्रीय परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन (INSTEC-22) इस वर्ष पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य परमाणु क्षेत्र अनुसंधान समुदायों की विभिन्न शाखाओं के विश्व के अग्रणी और कनिष्ठ वैज्ञानिकों को एक साथ लाना है।
यूरेनियम स्टडी पर भाभा सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ कर चुके काम :
डॉ. संतोष कुमार सार के 5 शोध छात्र इन विषयों पर तकनीकी विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों में पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं एवं अभी एक पेटेंट पब्लिक हुआ है। इनके द्वारा कई शोध पत्र एससीआई एवं स्कोपस इंडेक्स्ड अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। इसी विषय पर छत्तीसगढ़ स्वामी तकनीकी विश्वविद्यालय में रजिस्टर्ड शोध छात्रा पूनम देशमुख द्वारा शोध कार्य किया जा रहा है। उनके द्वारा छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले मेडिसिनल प्लांट के छाल को आयरन के साथ डोपिंग करके एवं प्रेसिपिटेशन करके नैनो टेक्नोलॉजी की सहायता से यूरेनियम को अधिसूचित करने का प्रयोग सफलतापूर्वक किया गया है, तथा इस पर अन्तर्राष्ट्रीय एससीआई जर्नल ग्राउंड वाटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट और रेडियो केमेस्ट्री जर्नल में दो शोध पत्र प्रकाशित हुए है।