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नैनोटेक्नोलॉजी बन रहा जीवन का आधार: फेस पाउडर, लिपस्टिक एवं सनस्क्रीन क्रीम में जिंक ऑक्साइड नैनो कणों का उपयोग


नोएडा से आए प्रो एनबी सिंह ने साइंस कॉलेज दुर्ग में विद्यार्थियों को दी जानकारी

दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग के भौतिकी विभाग में दो दिवसीय वर्कशॉप के दूसरे दिन ग्रेटर नोएडा से आए हुए प्रोफेसर एनबी सिंह ने नैनो टेक्नोलॉजी के महत्वपूर्ण पहलूओं को बताया। उन्होंने नैनो टेक्नोलॉजी से संबंधित सभी बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की एवं नैनो टेक्नोलॉजी का हमारे दैनिक जीवन में किस प्रकार उपयोग किया जा रहा है इसकी विस्तृत जानकारी विद्यार्थियों को प्रदान की । उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि किस प्रकार से गोल्ड नैनो पार्टिकल्स का रंग आयाम एवं ताप पर निर्भर करता है  उन्होंने गोल्ड नैनोपार्टिकल्स के रंग लाल एवं बैंगनी क्यों होते हैं, इसको समझाया। प्रो सिंह ने जानकारी दी की जिंक ऑक्साइड नैनो कणों का फेस पाउडर, लिपस्टिक एवं सनस्क्रीन क्रीम में किस प्रकार से उपयोग किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर एन बी सिंह शारदा विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा में केमिस्ट्री के प्राध्यापक हैं, वे 50 वर्ष से अधिक अध्यापन एवं शोध का अनुभव रखते हैं उनके द्वारा विभिन्न जर्नल्स  में 250 से अधिक शोध पत्र  और 8 पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रो  राजेश कुमार शुक्ला ने दूरसंचार में हुई है क्रांति में फाइबर पदार्थों के उपयोग  को समझाया। उन्होंने फाइबर ऑप्टिक्स से संबंधित पदार्थों की संरचना, विकास एवं उसकी कार्यविधि को विस्तार पूर्वक चित्रों द्वारा समझाया और  दूरसंचार से  संबंधित सभी महत्वपूर्ण  घटकों  को बताने के साथ-साथ विद्यार्थियों को फाइबर ऑप्टिक्स में शोध करने के लिए प्रेरित भी किया । उन्होंने बताया कि आजकल पूरी दूरसंचार प्रणाली फाइबर ऑप्टिक्स सिद्धांत पर ही आधारित है। सभी विद्यार्थियों ने इस वर्कशॉप से  ज्ञान में वृद्धि एवं शोध से जुड़े नवीनतम जानकारी का माध्यम बताया और इस कार्य के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य एवं  विभाग के प्राध्यापकों का आभार भी व्यक्त किया। भौतिकी परिषद अध्यक्ष खुशबू यादव प्रो शुक्ला का परिचय देते हुए बताया कि प्रोफेसर शुक्ला 30 वर्ष से अधिक का शोध एवं अध्यापन का अनुभव रखते हैं इसके साथ ही साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में 150 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित और 15 पुस्तकों प्रकाशित हुई हैं । शोध के क्षेत्र में 20 से अधिक सम्मान  प्राप्त तथा  भारत सरकार द्वारा 6 परियोजनाओं को सफलतापूर्वक संपन्न करा चुके हैं।  प्राचार्य डॉ आरएन सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलती रहती है और उन्हें वैज्ञानिकों के अनुभवों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर कुछ विद्यार्थी शोध से जुड़ेंगे तो इस आयोजन का उद्देश्य सफल हो जाएगा । उन्होंने सभी विद्यार्थियों के लिए उनकी आने वाली  परीक्षा एवं भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी । कार्यक्रम को सफल बनाने में भौतिकी विभाग के सभी प्राध्यापकों, शोध छात्रों एवं स्नातकोत्तर छात्रों का विशेष योगदान रहा इस वर्कशॉप में लगभग 100 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।