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छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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रायपुर (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। छत्तीसगढ़ में चुनावी हार के कारण जानने आई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अब तक एआईसीसी को अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। आगामी 9 और 10 जुलाई को कांग्रेस की अहम् बैठकें होने जा रही है। इससे पहले 8 जुलाई को पार्टी के सीनियर नेता बैठकर मंत्रणा करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पार्टी आलाकमान खासा प्रभावित बताया जा रहा है। यही वजह है कि राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद भी उन्हें राष्ट्रीय संगठन में अहम् जिम्मेदारी दिए जाने की बात सामने आई है। भूपेश को पार्टी ने राजनांदगांव संसदीय सीट से चुनाव लड़वाया था। भले ही वे स्वयं चुनाव हार गए, लेकिन राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली के प्रभारी के रूप में उनका काम पसंद किया गया।
पीसीसी चीफ दीपक बैज दिल्ली से लौट आए हैं। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिन पायलट से विभिन्न विषयों पर खुलकर चर्चा की है। इसी के बाद अब प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इस बैठक में नगरीय निकाय के चुनाव के साथ ही रायपुर दक्षिण क्षेत्र के उपचुनाव और पार्टी प्रत्याशी को लेकर चर्चा होने की बातें कही जा रही है। इधर, खबर है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस का जल्द ही पुनर्गठन किया जा सकता है। नगरीय निकाय चुनाव से पहले ब्लाक स्तर से लेकर जिलाध्यक्ष व प्रदेश स्तर के संगठन में बदलाव के संकेत मिले हैं। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मोहन मरकाम को मंत्री बनाने के बाद पूर्व सांसद दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। बैज ने इक्का-दुक्का बदलाव किए और मोहन मरकाम की टीम अभी भी संगठन में कार्यरत है। ऐसे में जल्द ही कांग्रेस संगठन में बदलाव हो सकता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस राष्ट्रीय संगठन में शामिल कर सकती है। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भूपेश को बड़ी जिम्मेदारी देने के संकेत हैं।
व्यापक रणनीति बनेगी
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि आठ जुलाई को कांग्रेस के सीनियर नेताओं के साथ बैठक होगी। नौ व 10 जुलाई को संगठन स्तर पर रणनीति, नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां व आवश्यक बदलाव पर चर्चा होगी। संगठनात्मक स्तर पर जरूरी परिवर्तन को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट से चर्चा हुई है। प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में पार्टी की नौ और 10 जुलाई की बैठक को महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसमें संगठन में बदलाव सहित अन्य प्रमुख विषयों पर चर्चा होगी। नगरीय निकाय चुनाव के साथ ही रायपुर दक्षिण के उपचुनाव के कांग्रेस प्रत्याशी पर भी बात होगी। नौ जुलाई को वरिष्ठ नेताओं और जिला अध्यक्षों की बैठक होगी, जबकि 10 जुलाई को रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर चर्चा होगी। बैज ने कहा कि जो पद खाली हैं, उनमें भी नियुक्ति को लेकर इसी बैठक में चर्चा की जाएगी।
तय होगी हार की जिम्मेदारी
विधानसभा-लोकसभा में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद जिम्मेदारों पर हार की जिम्मेदारी तय होगी। इसमें जिला प्रभारियों से लेकर अलग-अलग समितियों की संयोजकों पर भी गाज गिर सकती है। वर्ष 2018 में 90 में से 69 सीट जीतकर सत्ता में आई कांग्रेस दिसंबर-2023 विधानसभा चुनाव में बुरी तरह धराशायी हो गई थी। कांग्रेस को सिर्फ 35 सीट से संतोष करना पड़ा। विधानसभा चुनाव में राज्य की सत्ता गंवाने के बाद लोकसभा में भी कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा। 2019 में दो सीट जीतने वाली कांग्रेस 2024 के चुनाव में सिर्फ एक सीट पर सिमट गई। कांग्रेस के भीतर सब-कुछ ठीक नहीं होने की पोल भी खुल गई जब दिल्ली से हार के कारणों की पड़ताल करने पहुंची फैक्ट फाइडिंग टीम के सामने पदाधिकारियों पर खुलकर आरोप-प्रत्यारोप हुए। टीम ने प्रदेश में 28 जून से एक जुलाई तक पांच संभागों का दौरा किया। दौरे के दौरान एक-एक गतिविधियों की रिपोर्ट एआइसीसी को सौंपी जाएगी।
कई दावेदारों ने ठोंकी ताल
बताया जा रहा है कि कांग्रेस की दो दिवसीय बैठक के दौरान रायपुर दक्षिण के प्रत्याशी को लेकर भी चर्चा की जा सकती है। दावेदारों की बात करें तो कन्हैया अग्रवाल, प्रमोद दुबे, सन्नी अग्रवाल, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा और नगर निगम में एमआईसी सदस्य सतनाम पनाग की भी दावेदारी की चर्चा है। बता दें कि कन्हैया अग्रवाल ने बृजमोहन के खिलाफ 2018 में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन 14 हजार वोटों के अंतर से हार गए थे। कांग्रेस इन्हें दोबारा मौका दे सकती है। वहीं प्रमोद दुबे रायपुर के मेयर रह चुके हैं और अभी नगर निगम में सभापति हैं। इससे पहले 2019 का लोकसभा चुनाव भी रायपुर से लड़ चुके हैं, लेकिन हार गए थे। इसके अलावा सन्नी अग्रवाल की बात करें तो विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण से पहले क्षेत्र में जमकर पैसे खर्च किए। काफी सक्रिय रहे। हालांकि पार्टी ने दूधाधारी मठ के महंत राम सुंदर दास को टिकट दे दिया था। दावेदारों की लिस्ट में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा और रूढ्ढष्ट के सदस्य सतनाम पनाग की भी दावेदारी की चर्चा है।
भाजपा कार्यसमिति की भी 10 को बैठक
इधर, प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में 10 जुलाई को होने जा रही है। बैठक रायपुर के पं.दीनदयाल ऑडिटोरियम में होगी। इस बैठक में केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल शामिल होंगे.वहीं इस बैठक में मंडल और जिला स्तर के पदाधिकारी शामिल होंगे। इसके साथ ही इस दौरान निकाय और चुनाव को लेकर मंथन होगा। बता दें इस बैठक में आगामी चुनाव के बेहतर प्रदर्शन के लिए टास्क दिए जाएंगे। इसके अलावा संगठन की आगामी कार्य योजनाओं पर भी चर्चा होगी। इस बैठक में प्रदेश के सीएम विष्णुदेव साय और प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह भी मौजूद रहेंगे। सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि भी इस बीच शामिल होंग।. इस बैठक में राजनीतिक प्रस्तावों पर चर्चा होगी।