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बीआरएस को बड़ा झटका, छह विधायक कांग्रेस में हुए शामिल


हैदराबाद (एजेेंसी)। तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को एक बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को बीआरएस के छह एमएलसी मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए। पिछले साल विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही बीआरएस के एमएलसी के पार्टी छोडऩे क सिलसिला जारी है।

बीआरएस के छह एमएलसी कांग्रेस में शामिल
कांग्रेस में शामिल होने वाले छह एमएलसी में दांडे विट्ठल, भानु प्रसाद राव, एम एस प्रभाकर, बोग्गरापु दयानंद, येग्गे मल्लेशम और बसवाराजू सरैया शामिल हैं। सीएम रेवंत रेड्डी, तेलंगाना में एआईसीसी प्रभारी दीपा दासमुंशी और अन्य नेताओं की उपस्थिति में बीआरएस के एमएलसी कांग्रेस में शामिल हुए।

केटी रामा राव ने दी प्रतिक्रिया
बीआरएस एमएलसी के दलबदल के बाद केटी रामा राव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा। केटीआर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, बीआरएस सांसद केशव राव ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद इस्तीफा दे दिया। उनके फैसले का स्वागत है। लेकिन उन बीआरएस विधायकों का क्या जिन्होंने हारने के बावजूद कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा। उन आधे दर्जन बीआरएस विधायकों का क्या जो दलबदल कर कांग्रेस में शामिल हो गए। राहुल गांधी क्या आप ऐसे ही संविधान को कयम रखेंगे। अगर आर बीआरएस विधायकों से इस्तीफा नहीं दिला सकते, तो देश को आपके ऊपर भरोसा कैसे होगा? आप कांग्रेस के घोषणापत्र के अनुसार, 10वें संशोधन के लिए प्रतिबद्ध थे। ये कैसा न्यायपत्र है।

तेलंगाना विधान परिषद वेबसाइट के अनुसार, बीआरएस के पास 25 सदस्य, जबकि कांग्रेस के पास चार सदस्य हैं। 40 सदस्यीय सदन में दो सीटें खाली हैं। वहीं, चार नामित एमएलसी विधायक, एआईएमआईएम के दो सदस्य, भाजपा, पीआरटीयू के एक-एक और एक निर्दलीय सदस्य हैं। सीएम रेवंत रेड्डी के दिल्ली के दो दिवसीय दौरे से वापस आने के बाद ही बीआरएस विएमएलसी कांग्रेस में शामिल हुए।

बीआरएस एमएलसी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब विधान परिषद मे कांग्रेस की ताकत अब बढ़कर 10 हो जाएगी। बता दें कि पिछले साल विधानसभा चुनाव में 119 सीटों में बीआरएस को केवल 39 सीटों पर जीत मिली थीं। वहीं कांग्रेस ने 64 सीटों पर जीत हासिल की थीं। हाल ही में सिकंदराबाद छावनी से बीआरएस विधायक जी लस्या नंदिता की सड़क हादसे दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद यहां उपचुनाव कराए गए थे। उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।