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भारतीय स्टेट बैंक की नई पहल विश्व मृदा दिवस


यू तो सर्वविदीत है की भारतीय स्टेट बैंक जो की विश्व की सबसे बड़ी बैंक है एवं देश की सबसे सुरक्षित एवं किफायती बैंक है शासन की प्रत्येक योजनाओ का लाभ बैंक में देखने को मिलती है केंद्र पोषित योजना राज्य पोषित योजनाएं एवं सभी प्रकार के अनुदान नागरिको को प्रदान करने में अपनी अतुलनीय भूमिका निभा रही है। इतना ही नहीं भारत जैसे कृषि प्रधान देश में कृषको की समस्याओं का अवलोकन करते हुए एसबीआई ने कृषि एवं वाणिज्यिक की अलग से शाखा खोल देश के कृषक के चेहरे में मीठी मुस्कान लाई है जहा सिर्फ कृषको के लेन देन ही करवाकर कृषको को भीड़ भरे माहौल से मुक्ति प्रदान कर देश की जीडीपी बढ़ाने में अपनी अनूठी भूमिका निभा रही है। ऐसे ही एक ब्रांच छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में है जो किसानो को उत्तम खेती हेतु नित नए-नए आयोजनों के द्वारा ज्ञान प्रदान करती रहती है।

5 दिसंबर 2022 को भारतीय स्टेट बैंक कृषि एवं वाणिज्यिक शाखा के शाखा प्रबंधक डिसेंट देवांगन एवं क्षेत्राधिकारी कुण् पुष्पा साहू द्वारा सफलतापूर्वक विश्व मृदा दिवस का आयोजन कर क्षेत्र के किसानो में मृदा के प्रति नई क्रांति ला दी। थाईलैंड के महाराजा स्वः एच् एम भूमिबेल ने अपने कार्यकाल में उपजाऊ मिटटी के बचाव के लिए काफी परिश्रम किया था उनके इस योगदान को देखते हुए प्रत्येक वर्ष उनके जन्म दिवस के अवसर पर यानि 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई। 20 दिसंबर 2013 में सयुक्त राष्ट्र महासभा में इसे मनाने की आधिकारिक घोषणा हुई।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि महाविद्यालय मर्रा पाटन के वरिष्ट वैज्ञानिक एवं सहायक प्रधानअध्यापक डा. ए.कुरैशी द्वारा कृषको को मृदा को आने वाले लम्बे समय तक कैसे शक्तिशाली एवं फसलों की गुणवत्ता हेतु पोषण पर फोकस किया की किस प्रकार ऑर्गेनिक एवं इनऑर्गेनिक खाद का संतुलन कर मिट्टी को लम्बे समय तक आने वाली पीढ़ी हेतु उपजाऊ बनाया जा सके। कु.पुष्पा साहू ने मृदा को माता की संज्ञा देते हुए गीतिका के माध्यम से जागरूकता ला कर कृषको एवं अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया सभागृह तालियों से गुंज उठा।
श्यह धरती जिसमे जनमे हमए मिट्टी ने हमको पाला है
मिट्टी से हि तो जीवन है, मिट्टी ने हमे संभाला है
ये वनस्पति जो देन है कुदरत की, निर्भर है मिट्टी पे
ये फल, सब्जी, अनाज, दाने सब उगते है मिट्टी से
मिट्टी होगी उपजाऊ, तभी तो फसल अच्छी लग सकती है
एक बेहतर कल की आशा की उम्मीद नई जग सकती है
ये वचन लो की अब से खेतो में जैविक खाद ही डालेंगे
जैसे मिट्टी ने पाला हमे, हम भी मिट्टी को पालेंगे
मिट्टी में खनिज जीव एवं जैविक घटक होते है जो मनुष्यो एवं जानवरो को भोजन प्रदान करते है। हमारे द्वारा उनकी गुणवत्ता एवं बचाव पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये सम्पूर्ण संसार के लिए खतरा पैदा कर सकता है आज खेतो में किसानो द्वारा बहुत ज्यादा केमिकल वाले खाद एवं कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल कर मिट्टी की गुणवत्ता में जो गिरावट आ रही है इससे खाद्य सुरक्षा पेड़. पौधे के विकास एवं मानव जाति के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

कैसे हम मृदा को हृष्ट पुष्ट रख सके इसके ऊपर वैज्ञानिक डा.ए.कुरैशी का सुझाव कृषको के लिए प्रेरणात्मक रहा। सभा का आयोजन होटल एवलोन मालवीय नगर में किया गया कार्यक्रम में एसबीआई रायपुर से पधारे कृषि अधिकारी प्रवीण लाड ने कृषि ऋण योजनाओ का विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय प्रबंधक विभास कुमार ने छ.ग. एवं मध्यप्रदेश की एक मात्र कृषि एवं वाणिज्यक शाखा में प्रकाश डालते हुए कृषको की जिज्ञाषाओ को शांत करने पर माहौल हर्षोहर्षित हो गया। इस आयोजन में चार्टेड एकॉउंटेड रोशन कोशी ने कृषको को आयकर सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारीया प्रदान की कार्यक्रम का सफल संचालन पुष्पा साहू स्वागत एवं आभार प्रदर्शन डिसेंट देवांगन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से बैंक अधिकारी दीपक सिंह, संदीप गुप्ता, भारती मेश्राम, खुशबु रानी, कमला मोटर्स के संचालक कैलाश बरमेचा प्रगतिशील कृषक प्रशांत संतरा, विकास चंद्राकर, खेमलाल, भरत परमार, सिद्धार्थ चंद्राकर, घनश्याम परमार, रूपेश चंद्राकर, पंकज टांक, सुतीक्षण यादव टप्पू टांक, प्रमोद चंद्राकर, विनोद चंद्राकर, अमन चंद्राकर, पोषण चंद्राकर जैसुख टांक इत्यादि 50 से अधिक कृषको ने अपनी उपस्तिथि दर्ज कर कृषि एवं वाणिज्यिक शाखा की भूरी.भूरी प्रशंसा की।