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छत्तीसगढ़/रायपुर: opportunity to earn money जिले के तिल्दा तहसील के रजिया गांव में रहने वाले राजेन्द्र कुमार कमल सरकारी योजना का लाभ लेकर आगे बढ़ने की एक और मिसाल बन गए है। राजेन्द्र पहले बेरोजगार थे। खेती किसानी के सीजन में मेहनत मजदूरी कर जीवन-यापन करते थे। अनुसूचित जाति के राजेन्द्र ने फिर मिनीमाता स्वालंबन योजना से गांव में छोटा फेंसी स्टोर खोला। अपनी मेहनत के बल पर राजेन्द्र का फेंसी स्टोर चल निकला और इससे हुई कमाई से राजेन्द्र ने बाजू में ही जनरल स्टोर भी शुरू कर लिया। आज राजेन्द्र अपने ही गांव में हर महिने दस हजार रुपए कमा रहा है। इतना ही नहीं राजेन्द्र ने अपने छोटे भाई को भी अपने साथ काम में लगाकर उसकी बेरोजगारी भी दूर कर दी है। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संचालित मिनीमाता स्वालंबन योजना ने राजेन्द्र को स्वरोजगार से जोड़कर स्वालंबी बना दिया है। राजेन्द्र बताते है कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना से अनुसूचित जाति वर्ग के बेरोजगार युवा सक्षम हो रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों का जीवन स्तर सुधारने और सम्मान पूर्वक रहने में इस योजना का बड़ा योगदान है। राजेन्द्र ने अपने वर्ग के दूसरे बेरोजगार युवाओं से भी शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठाने की अपील की है।

तिल्दा तहसील के रजिया गांव के राजेन्द्र कमल बताते है कि पहले खेतीहर मजदूरी कर गरीबी में जीवन-यापन कर रहे थे। इतनी आमदनी नहीं थी कि परिवार में मां, छोटा भाई और पत्नी की जरूरतें अच्छे से पूरी हो सके। तीन साल पहले एक दोस्त के माध्यम से राजेन्द्र को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही मिनीमाता स्वालंबन योजना की जानकारी मिली। राजेन्द्र ने योजना के तहत जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कार्यालय से संपर्क कर दो लाख रुपए का लोन मंजूर कराया। इस लोन से राजेन्द्र ने गांव में ही अपनी छोटी सी जमीन पर 10 x 15 वर्गफीट आकार की दुकान बनाई और फेंसी स्टोर शुरू किया। राजेन्द्र की मेहनत से फेंसी स्टोर से अच्छी आय होने लगी। इसके बाद राजेन्द्र ने अपने व्यवसाय में छोटे भाई को भी शामिल कर लिया और नया जनरल स्टोर शुरू किया। अब राजेन्द्र की दुकान में फैंसी सामान के साथ-साथ रोजमर्रा की जरूरतों का सामान और किराना भी मिलता है। दुकानों से राजेन्द्र अब तीन हजार रुपए प्रतिदिन का व्यवसाय कर रहा है। इससे उसके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर गई है। दुकान शुरू करने से अपने गांव-समाज में ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों में भी राजेन्द्र का मान-सम्मान बढ़ गया है।

मिनीमाता स्वालंबन योजना के तहत रायपुर जिले में अब तक कुल 182 हितग्राहियों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराया गया है। दो लाख रुपए के ऋण में हितग्राही द्वारा स्वयं दुकान निर्माण के लिए 1 लाख 40 हजार रुपए और व्यवसाय शुरू करने के लिए 60 हजार रुपए दिया जाता है। हितग्राही द्वारा 36 महिनें तक नियमित रूप से 2 हजार 55 रुपए की किस्त जमा करने पर वितरित ऋण की 75 प्रतिशत राशि डेढ़ लाख रुपए अनुदान स्वरूप मिल जाती है। इस तरह हितग्राही को 2 लाख रुपए के ऋण के लिए केवल 73 हजार 980 रुपए ही जमा करना होता है। जिले में अब तक 182 हितग्राहियों में से 87 हितग्राहियों द्वारा नियमित किस्त जमा कर अनुदान का लाभ लिया जा चुका है। शेष हितग्राही भी नियमित रूप से किस्त जमा कर रहें हैं। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्वयं की जमीन या ग्राम सभा द्वारा प्रस्तावित पंचायत भूमि पर दुकान बनाकर व्यवसाय शुरू करने के लिए ¬ऋण उपलब्ध कराया जाता है।