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75th anniversary of independence : आजादी के 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा कोण्डागांव जिले का ये गाँव


75th anniversary of independence कोण्डागांव ! आजाद भारत अपनी आजादी का 75वा वर्षगांठ मना रहा हैं, लेकिन कोण्डागांव जिले का एक गांव आजादी के 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा हैं। दरअसल जिला कोंडागाव के फरसगांव ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत पलना का आश्रित ग्राम राधना मूलभूत सुविधाओ के लिए तड़प रहा हैं। इस तड़प को मिटाने का स्थानीय ग्रामीणों ने ही बेड़ा उठा लिया हैं।

75th anniversary of independence यहां के ग्रामीण, गांव के लिए अहम मार्ग पर पुल बनाने लिए स्वयं से चंदा इकट्ठा कर संसाधन जुटाए। इस संसाधन और श्रमदान कर में लकड़ी का बड़े दंड नाला में पुल का तैयार किया गया हैं। लकड़ी से बनाए गए पुल समस्या केवल यह पुल नहीं बल्कि समस्त मूलभूत संसाधन है। गांव के लिए ना पुल है, ना सड़क, बिजली भी नाम मात्र के हैं।

फरसगांव जनपद पंचायत के अन्तर्गत राधाना सुदूर वनांचल क्षेत्र जगल के छांव में बसा है वह गांव। पंचायत मुख्यालय से राधाना तक कोई भी सड़क नही है। खेत के बीच पगडंडी के रास्ते मोटरसाइकल से गांव में पहुंच जा सकता है। गाँव की गलियाँ भी खिचड़ और गड्डों से भरी पड़ी हैं। ग्रामवासियों को गड्डों रास्ता गुजरना पड़ता है. राधना में 54 मकान है, जिसमें बच्चे, महिलाएं, युवा, बुजुर्ग समेत कुल 200 लोग निवासरत है, जिसमें 120 से अधिक मतदाता शामिल हैं।

200 से अधिक की आबादी वाले इस गांव की सुध लेने वाला कोई नहीं है जिस कारण पूरा गांव गुमनामी का जीवन जी रहा है। ग्रामीणों के कहना है पुल का मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौपे है शिवीर में भी समस्या से अवगत करवाया था।

ग्रामीणों को आश्वासन ही दिया जा रहा है जमीनी स्तर शून्य है कांग्रेस की सरकार को अब 5 साल पूरे होने को है, अगला विधानसभा चुनाव होने वाले है, फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है। अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश की गई, फिर भी समस्या वैसी की वैसी ही बनी हुई है।