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छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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जय शक्ति आश्रम निकुम में 99 दिनों तक चला अनोखा व अद्भूत महायज्ञ
भिलाई। राजलक्ष्मी मंदिर जय शक्ति आश्रम निकुम में आयोजित 99 दिवसीय अभिजीत महायज्ञ 14 जनवरी को भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुआ। मकर संक्रांति का पावन पर्व होने के कारण सुबह से ही आश्रम परिसर में स्थित मंदिरों में श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहा। तीर्थराज देवी निकुंभला, राज लक्ष्मी मंदिर, जय शक्ति आश्रम निकुम के संस्थापक संतश्री माताजी के मार्गदर्शन में आयोजित अभिजीत महायज्ञ में भी शामिल हो कर श्रद्धालुओं ने महायज्ञ का पूण्यलाभ प्राप्त किया। इस आयोजन की खास बात यह रही कि पूरे 99 दिनों तक प्रतिदिन 52 सेकंड ससम्मान राष्ट्रगान किया गया। इसके माध्यम से भक्ति और अध्यात्म को देशप्रेम की भावना से जोड़कर रखने अनोखा प्रयास यहां पर देखने को मिला। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए अंतिम दिन आयोजित होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही सभी श्रद्धालुओं को आश्रम परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई।
उल्लेखनीय है कि जय शक्ति आश्रम निकुम में 7 अक्टूबर 2021 से 14 जनवरी 2022 तक अभिजीत महायज्ञ का आयोजन किया गया। संतश्री माताजी ने बताया कि प्रतिदिन दो घंटे सुबह 11.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक महायज्ञ का आयोजन किया जाता रहा। सर्वप्रथम 52 सेकंड सभी लोग राष्ट्रध्वज के समक्ष उपस्थित हो कर राष्ट्रगान करते थे, उसके बाद यज्ञ स्थल पर यज्ञ की विधियों को प्रारंभ किया जाता था। इस दौरान लगातार विशेष मंत्र ॐ क्लीं ॐ नमो नारायणाय राधे कृष्ण- राधे कृष्ण का जाप किया गया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में लोकरंग अर्जुन्दा और लहर गंगा के कलाकारों का भी सहयोग रहा।
ठाकुर जी के साथ 1 दुर्गा व 39 गणेश प्रतिमाएं थीं विराजमान
इस महायज्ञ के संबंध में बताते हुए संतश्री माताजी ने बताया की अभिजीत महायज्ञ अद्भुत और अनोखा महायज्ञ है। यज्ञ स्थल पर ठाकुर जी की प्रतिमा के साथ 39 गणेश जी और 1 मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई थी। उन्होंने बताया कि इस महायज्ञ में न तो आहुति दी जाती है और न ही पुर्णाहुती के साथ इसका समापन होता है। इसमें 99 दिनों तक प्रतिदिन ॐ क्लीं ॐ नमो नारायणाय राधे कृष्ण-राधे कृष्ण का जाप किया गया और अंतिम दिन भगवान वासुदेव की आरती के साथ इसे संपन्न किया गया। साथ ही पीपल के पेड़ में जल व दूध अर्पण कर महायज्ञ को संपूर्ण किया गया। उन्होंने बताया कि लोक कल्याण के लिए आयोजित अभिजीत महायज्ञ के दौरान प्रतिदिन सभी ने भगवान श्री कृष्ण का आव्हान किया। इससे प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि आयेगी
आगे भी होंगे भव्य आयोजन
संत श्री माताजी ने बताया की उनका उद्देश्य निकुम में निकुंभला देवी मंदिर और नगरी निर्माण करना है। जिसके लिए 4 एकड़ मंदिर, 7 एकड़ परकोटा और 25 एकड़ परिसर के लिए भूमि की आवश्यक्ता है। इस कार्य में एक लाख एक हजार करोड़ लागत आयेगी। इस उद्देश्य को लेकर आगे भी निकुम आश्रम में कई तरह के भव्य आयोजन करने की उनकी योजना है। इसमें चैत्र नवरात्रि और क्वांर नवरात्रि में महयज्ञ, 2023 में समुद्र मंथन अमृत कलश और 2025 में राजसूर्य महायज्ञ प्रमुख हैं। उनका विश्वास है की माता निकुंभला की कृपा से उनका यह उद्देश्य अवश्य पूरा होगा। इससे पूरे विश्व में छत्तीसगढ़ की कीर्ति बढ़ेगी।