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लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बड़ी हलचल हुई है. सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है.
लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव हुआ है. सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एनसीपी के 25वें स्थापना दिवस के मौके पर ये घोषणा की है. वहीं, कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर सुप्रिया सुले ने शुक्रिया अदा किया है
शरद पवार ने कुछ दिन पहले ही पार्टी के अध्यक्ष पद को छोड़ने का ऐलान किया था. हालांकि, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के दबाव के बाद पवार पद पर बने रहने को तैयार हो गए थे.
शनिवार (10 जून) को पार्टी के 25वें स्थापना दिवस के मौके पर संगठन के नए पदाधिकारियों के नाम का ऐलान किया गया. सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष के साथ ही महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, महिला, युवा और लोकसभा समन्वय की भी जिम्मेदारी दी गई है.
प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष के साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान और गोवा की जिम्मेदारी दी गई है. सुनील तटकरे को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. इसके साथ ही उनके ऊपर ओडिशा, पश्चिम बंगाल, किसान और अल्पसंख्यक विभाग में पार्टी का काम देखने की जिम्मेदारी दी गई है.
सुप्रिया सुले को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित कर शरद पवार ने परोक्ष तौर पर सुप्रिया को अपना उत्तराधिकारी बना दिया है. दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप से भी शरद पवार बच गए. वहीं, प्रफुल्ल पटेल को महाराष्ट्र की ज़िम्मेदारी न देकर उन्हें महाराष्ट्र से दूर रखने का ही काम किया गया है.
दो नए कार्यकारी अध्यक्ष के क्या है मायने?
लोकसभा और विधानसभा से शरद पावर के हटने से पार्टी को नुकसान होने की संभावना थी । ऐसे में दो कार्यकारी अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव दिया गया था अब अगर ऐसे में सिर्फ सुप्रिया को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया जाता तो यह स्पष्ट हो जाता की वो आने वाले दिनों में पार्टी की उतराधिकारी की होगी जिस तरह शिव सेना में बाल साहब ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर देश को साफ संदेश दे दिया था लेकिन एनसीपी संगठन ने प्रफुल को भी कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है यह बात साफ दिखता है की शरद पवार इस बात पर खुल कर अपनी राय नहीं रखना चाहते है एक तरह से उन्होंने सुप्रिया को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर उत्तराधिकारी के रूप में सामने रखा है