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छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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रायपुर। रायपुर से भाजपा नेता के अपहरण मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बताया जाता है कि पुलिस ने FIR दर्ज होने के बाद भी आरोपी को देर रात थाने से ही छोड़ दिया, जिसके बाद भाजपा नेता (पीड़ित) मनीष साहू और उनके समर्थक आगबबूला हो गए। इस पूरे मामले में बड़े खेल का अंदेशा जताया जा रहा है।
इधर, इस बात से भड़के भाजपा नेता ने पुलिस की कार्यप्रणाली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। और थाने के बाहर समर्थकों के साथ जमकर हंगामा किया। इस दौरान पीड़ित ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने का भी प्रयास किया, हालाँकि समय रहते पुलिस ने मामला संभाल लिया, जिसके चलते एक बड़ी अनहोनी टल गई.
हालाँकि इसके बाद भी पीड़ित मनीष साहू का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वे लगातार पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते रहे. पीड़ित के मुताबिक, संगीन अपराध के आरोपी हर्षवर्धन शर्मा पर FIR दर्ज होने के बाद भी उनकी मां समाजसेवी ममता शर्मा देर रात थाने से छुड़ाकर ले गई. बता दें क़ि हर्षवर्धन शर्मा पहले भी ड्रग्स केस जैसे कई संगीन मामलों में जेल जा चुका है.
सुलगते सवाल- ऐसे में बड़ा सवाल ये भी उठता है कि क्या पुलिस कुछ रसूखदारों के हाथ की कठपुतली बनकर रह गई है? क्या अपराधी कानून से बढ़कर हो गए हैं? ऐसे में भला कैसे अपराध पर लगाम लगेगा?
जानिए पूरा मामला?
यह पूरा मामला रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र का है, जहां बीजेपी युवा मोर्चा सिविल लाइन रायपुर के मंडल अध्यक्ष मनीष साहू का अपहरण किया गया था। किडनैप का मामला रुपए की वसूली से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जाता है कि अपहरणकर्ताओं ने मनीष को एक फार्म हाउस में बंधक बनाकर रखा था। यही नहीं इस दौरान उसकी जमकर पिटाई भी की। पिस्टल दिखाकर मारने की धमकी दी।
पुलिस थाने में मामला पहुंचने के बाद जमकर ड्रामा हुआ। इस दौरान शहर के नामी-गिरामी लोग दबाव बनाने के लिए पहुंचे। मामले को दबाने का प्रयास करते रहे। बताया जाता है कि घटनाक्रम का आरोपी हर्षवर्धन समाजसेवी ममता शर्मा का बेटा है। आरोपी हर्षवर्धन इससे पहले भी अन्य प्रकरणों में जेल जा चुका है।
पीड़ित के मुताबिक, उसकी और आरोपी हर्षवर्धन के बीच लंबे समय से जान पहचान थी। मनीष ने टिकरापारा थाना में दर्ज रिपोर्ट में बताया कि बीते बुधवार की रात को चाय पीने के बहाने से आरोपी ने उसे बुलाया था। इसके बाद अपहरण की घटना को अंजाम दिया। इस क्रम में पीड़ित ने बताया कि हर्षवर्धन उसे गाड़ी में बैठाकर धौंस जमाने लगा। पिस्टल दिखाकर मारने की धमकी देने लगा।
इसके बाद उसे अनुपम नगर के फार्म हाउस बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान जमकर पिटाई भी की और 5 लाख रुपए की मांग करते रहे। उसने बताया कि हर्षवर्धन के साथ उसके साथी भी थे, जब कार में पचपेड़ी नाका के चक्कर काट रहे थे। तब उसने कार से कूदकर जान बचा ली। इसके बाद मनीष थाने पहुंचा। शिकायत के बाद गुरुवार को देर शाम तक पुलिस ने हर्षवर्धन को पकड़ लिया। हालाँकि बाद में उसे रिहा कर दिया गया, जिसके बाद जमकर हंगामा भी देखने को मिला।