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छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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Bhatapara Politics : भाटापारा– निष्ठा और समर्पण की कसौटी पर कौन उतरेगा खरा ? क्योंकि एक, दो या तीन नहीं पूरे 51 दावेदारों ने कांग्रेस की टिकट के लिए दावेदारी ठोकी है। शहर देख रहा है, तौल भी रहा है कि कौन कितनी क्षमता रखता है ?
जिले में एकमात्र भाटापारा विधानसभा क्षेत्र ऐसा है, जहां से कांग्रेस की टिकट के लिए सबसे ज्यादा आवेदन आए हैं। गढ़, रहा है कांग्रेस का यह क्षेत्र लेकिन मतभेद इतने ज्यादा हैं कि पिछले तीन चुनाव से भाजपा ही अपना परचम फहराती आ रही है। निष्ठावान कार्यकर्ताओं की फौज और सर्वानुमति से जिस चेहरे पर भाजपा दांव लगाती रही है उससे वर्तमान विधायक की छवि अजेय योद्धा की बन चुकी है। यह और बात है कि विकास कार्यों के खाते में उपलब्धियां शून्य हैं लेकिन जीत भाजपा को ही मिलती रही है।
पुराने के साथ, नए चेहरे भी खूब हैं, टिकट की दावेदारी करने वालों में। ऐसे भी कई चेहरे हैं जिनकी निष्ठा को लेकर सवाल उठते रहें हैं। शहर का कहना है कि ऐसे दावेदारों को आत्मावलोकन करना चाहिए कि योग्यता रखते हैं या नहीं ? सीख लें, विपक्ष से जहां ऐसी कमी कभी नहीं देखी गई।
जिन 51दावेदारों ने दावेदारी पेश की है, उनको लेकर मतदाताओं के बीच बड़ा सवाल यह उठाया जा रहा है कि पार्टी के प्राथमिक सदस्य हैं या नहीं ? यह प्रश्न इसलिए उठ रहा है क्योंकि कई चेहरे विपक्ष के खेमे में भी देखे जाते रहे हैं। मौका चाहे चुनाव का हो या राजनीतिक आयोजन का हो।
विधानसभा क्षेत्र का मूड बदला हुआ है। कांग्रेस को लेकर पक्ष में माहौल तो है लेकिन समर्पण, निष्ठा और जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत करने वाला चेहरा, दावेदारों की भीड़ में नहीं है। मतभेद और मनभेद जैसी गतिविधियां सिरे से खत्म करनी होगी। वरिष्ठों की राय और सलाह, जीत की राह आसान कर सकती है, लेकिन पहल कौन करेगा ?
पार्टी ही नहीं, विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा वर्ग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रत्याशी के रूप में देखने के पक्ष में है। जीत आसान होगी और विकास की राह भी खुलेगी, जो अब तक बंद जैसी है। बड़ा लाभ यह होगा कि बिखरा संगठन भी एक किया जा सकेगा।