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Bilaspur Mews: 28 महिला समेत 108 साहित्यकारों को किया गया सम्मानित


Bilaspur Mews: बिलासपुर। कवि लोक साहित्य परिषद ने रेलवे नार्थ इंस्टीट्यूट के सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया। जिसमें देशभर के 108 साहित्यकारों को अलग- अलग सम्मान से सम्मानित किया गया। इस महाकुंभ में 28 महिला साहित्यकारों का भी सम्मान किया गया। सम्मान मिलते ही सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट से दर्शकों ने हौसला बढ़ाया।

Bilaspur Mews: सम्मानित होने वाली महिला साहित्यकारों में बिलासपुर की सुधा शर्मा के अलावा रायपुर की डा उर्मिला शुक्ला , डा मृणालिका ओझा , महासमुंद की डा. अनसुइया अग्रवाल , हरियाणा की डा. शील कौशिक , लखनऊ की नीलम राकेश चंद्रा, जगदलपुर की अनिता राज, रायपुर की ममता सिंह, राजिम की मुग्धा तिवारी व हिंगोली की सुमन गोपाल दुबे समेत अन्य शामिल है।

सात सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत सुरेश पैगवार रचित रेल गीत संतोषी महंत श्रद्धा व सोमप्रभा तिवारी नूर की प्रस्तुति के साथ हुई। इसके बाद कवि लोक साहित्य परिषद के अध्यक्ष सुजश कुमार शर्मा द्वारा प्रस्तावना प्रस्तुत की गई। दूसरे सत्र में कविता व छंद विधा के साहित्यकारों एवं निर्णायकों को सम्मानित किया गया। तीसरे सत्र में ग़ज़ल एवं बाल साहित्य के साहित्यकारों एवं निर्णायकों को सम्मानित किया गया।

Bilaspur Mews: चौथे सत्र में कहानी एवं उपन्यास विधा के साहित्यकारों एवं निर्णायकों को सम्मानित किया गया। पांचवें सत्र में कथेतर विधा के साहित्यकारों एवं निर्णायक, छठे सत्र में वरिष्ठतम साहित्यकारों को कवि लोक साहित्य स्रोत सम्मान से अलंकृत किया गया। सातवें व अंतिम सत्र में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मीर अली मीर, अध्यक्ष सतीश जायसवाल व मुख्य अतिथि दिवाकर मुक्तिबोध ने अपना वक्तव्य दिया।

इसके पूर्व निर्णायकों में डा. परदेशी राम वर्मा, डा. देवधर महंत, राघवेन्द्र दुबे, राजेन्द्र मौर्य, देवांशु पाल तथा शाद बिलासपुरी के द्वारा वक्तव्य दिया गया। मंच संचालन राकेश श्रीवास पथिक, गुलशन खम्हारी प्रद्युम्न और सोमप्रभा तिवारी नूर ने किया।

साहित्यकारों को जिन सम्मानों से सम्मानित किया गया, उनमें अंकुर नवोदित हस्ताक्षर सम्मान, अटल साहित्य प्रेरणा, आचार्य द्विवेदी भाषा रत्न, चक्रवर्ती सम्राट महापद्म नंद , टैगोर साहित्य साधक, दिनकर राष्ट्रीय चेतना , दुष्यंत ग़ज़ल शिल्पी, नरेंद्र श्रीवास्तव गीत चेतना , नागार्जुन लोक साहित्य , नारी नवचेतना सृजन, निराला शब्द साधक, पं. वासुदेव मिश्र सारस्वत, पलाश साहित्य अनुभूति, मुकुटधर पांडेय रचनाधर्मिता, मुक्तिबोध नवचेतना, राहत इंदौरी तहज़ीब, विद्या दान साहित्य, विमल मित्र साहित्य बोध, श्रीलाल व्यंग्य साहित्य सम्मान शानी साहित्य संज्ञा, सर्वोदय साहित्य सृजन, सुभद्रा नारी अस्मिता, कवि लोक साहित्य स्रोत, कवि लोक साहित्य रत्न, कवि लोक कृतिकार, कवि लोक साहित्य साधक, कवि लोक काव्य रत्न, कवि लोक ग़ज़ल रत्न, कवि लोक बाल साहित्य रत्न, कवि लोक कथा रत्न, कवि लोक उपन्यास रत्न, कवि लोक शोध रत्न, कवि लोक निबंध रत्न, कवि लोक गद्य रत्न, कवि लोक आलोचना रत्न व कवि लोक व्यंग्य रत्न सम्मान शामिल है।

इस कार्यक्रम में कवि लोक खंड चार पुस्तक का विमोचन किया गया। 148 पेज में 16 महिला कवियों की रचनाएं थीं। इसी तरह कवि चेतना पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इसमें आठ- आठ पेज आठ महिला साहित्यकारों की रचनाएं हैं। इतना ही नहीं कवि लोक खंड पांच में रेल परिवार की महिलाओं का योगदान दिखा।

इसके अतिरिक्त नादिर अहमद ख़ान के ग़ज़ल संग्रह लफ़्ज़ों के निशां, संतोष मिरी हेम का कविता संग्रह स्वर्ण सुमन के सात रंग, सुधा शर्मा के गीत संग्रह नदी कूल का है बंजारा एवं दोहा संग्रह हृदय रखें नवनीत, टी. श्रीनिवास राव का कहानी संग्रह, सागर कुमार शर्मा के द्वारा संपादित साझा कविता संग्रह कवि चेतना व कवि लोक खंड छह का विमोचन भी किया गया। आठ वर्ष के बालक सिद्धार्थ शर्मा की कविता संग्रह मुझे तो सब अच्छा लगता है का विमोचन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा।