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Gustakhi Maaf: सातों रंगों के साथ शुरू हुआ नया साल


-दीपक रंजन दास
अपने सभी रंगों के साथ एक और कैलेण्डर वर्ष आज से शुरू हो गया. लोगों ने बीते वर्ष की खट्टी-मीठी घटनाओं को याद करते हुए उसे विदाई दी. संगीत-नृत्य और केक के साथ नव वर्ष का आगाज किया. वैसे यथार्थवादियों के लिए नया साल केवल एक कैलेण्डर वर्ष का बीतना होता है. कैलेण्डर पर तारीख और सन बदल जाता है. पिछले साल के मुकाबले एक झटका लोगों को यह लगा कि साल 2024 की शुरुआत सोमवार से हो रही है. अर्थात फुल वर्किंग डे. कुछ लोगों की परीक्षाएं चल रही हैं तो कहीं-कहीं विभागीय निर्देश है कि सोमवार को छुट्टी मारी तो दो दिन का वेतन कटेगा. पिछले साल लोगों ने बड़े मजे किये थे. साल का पहला दिन रविवार था. लगभग सभी ने पिकनिक प्लान किया था. परिवार के साथ मिलकर खूब मस्ती की थी. पर इस बार का सेलीब्रेशन ऐसा नहीं हो सका. रात भर हल्ला-गुल्ला करने वाले भी इस बार निराश हुए. पुलिस का सख्त निर्देश था कि सवा बारह बजे के बाद कोई भी हंगामा करता हुआ मिला तो उसके नए साल की शुरुआत खराब कर दी जाएगी. लिहाजा लोग लिमिट में रहे. वैसे शहर का रंग पिछले तीन-चार सालों में काफी कुछ बदल गया है. कोरोना काल ने बेशुमार लोगों के अंदर के गायक को जगा दिया है. कैरेओके ट्रैक्स ने सोने पर सुहागा कर दिया है. छोटे-बड़े कैरेओके बॉक्स ने लगभग सभी शौकीनों के घर में एक-एक म्यूजिक सिस्मटम पहुंचा दिया है. कुछ लोग तो म्यूजिक सिस्टम को गाड़ी की डिकी में ही रखकर चलते हैं. जहां भी जाते हैं वहीं शुरू हो जाते हैं. पिछले एक साल के भीतर भिलाई में दो-तीन दर्जन से भी अधिक संगीत समूहों ने जन्म ले लिया है. इन सभी ने 2023 की विदाई के लिए संगीत समारोहों का आयोजन किया. मनघटा से लेकर क्लब हाउस और पार्कों से लेकर घर की छत पर संगीत समारोहों का आयोजन हुआ. किसी ने वृद्धाश्रम को चुना तो कोई बालाश्रम पहुंच गया. वैसे कहा जाता है कि जो काम संगीत कर सकता है, वह घंटों का भाषण नहीं कर सकता. कई बार तो रोग में दुआ और दवाओं से ज्यादा असर संगीत का देखने को मिल जाता है. शोध बताते हैं कि संगीत का असर जीवित प्राणियों से लेकर पाषाणों तक पर होता है. लिहाजा यह मान लेने में कोई बुराई नहीं कि नववर्ष की शुरुआत गीत-संगीत के साथ करने के अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे. पांच राज्यों में नई सरकारों ने काम करना प्रारंभ किया है. कुछ ही महीनों में लोकसभा के चुनाव होने हैं. लिहाजा जनता के लिए तो साल की शुरुआत काफी से ज्यादा अच्छी होने के संकेत हैं. किसानों से लेकर गृहिणियों तक के लिए साल की शुरुआत अच्छी हुई है. विद्यार्थियों और नेताओं की परीक्षाएं लगभग एक साथ या आगे-पीछे होनी हैं. टेंशन तो है पर संभावनाएं भी खूब हैं. लिहाजा खुश रहिए.