हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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नई दिल्ली: डिजिटल वर्ल्ड में साइबर अपराधी आए दिन ‘नए पैतरों’ के साथ उतर रहे हैं। ठगी के नए तरीकों ने कई राज्यों की पुलिस के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। वजह है, पुलिस का लोगो लगा हुआ फेक नोटिस। जिसमें पोर्नोग्राफी और अन्य आपत्तिजनक कंटेंट देखने के आरोप में कंप्यूटर लॉक होने का मेसेज पहुंचता है। नोटिस को कुछ इस अंदाज से साइबर अपराधियों ने तैयार किया है कि देखने पर पुलिस डिपार्टमेंट का ही लगे।
इस नोटिस की उस समय आपके कंप्यूटर, लैपटॉप पर एंट्री होती है, जब आप इंटरनेट सर्फिंग कर रहे हों। अचानक पुलिस या अन्य स्टेट की पुलिस के नाम से नोटिस पॉप-अप के जरिए कंप्यूटर, लैपटॉप पर सामने नजर आता है। लिखा होता है कि आपके कंप्यूटर की विंडो, सभी फाइलें लॉक कर दी गई हैं। आपका नाम और पता की पहचान कर ली गई है। फिर की जाती है बतौर पेनल्टी ऑन लाइन वसूली। साथ में यह भी चेतावनी कि अगर तय समय सीमा के अंदर जुर्माना नहीं भरा तो निवास स्थान पर पुलिस पहुंचकर गिरफ्तार करेगी। आपराधिक मुकदमा चलेगा।
कैसे करें फेक नोटिस की पहचान
फेक नोटिस पर पुलिस का लोगो होता है। लिखा होता है आप भारत के कानून द्वारा प्रतिबंधित सामग्री वाली पोर्नोग्राफी (पीडोफिलिया, हिंसा और समलैंगिकता के प्रचार के तत्वों के साथ पोर्नोग्राफी) साइटों पर बार बार आने के लिए ब्लॉक किए गए हैं। आपको लीगल नोटिस No. xxxx के अनुसार 3000 रुपये की राशि में जुर्माना भरना होगा। आप किसी भी सुविधाजनक तरीके से जुर्माना चुका सकते हैं। इसके बाद नीचे स्कैन कोड के साथ ऑन लाइन पेमेंट के एप आधारित और बैंक के सभी ऑप्शन दिए गए होते हैं।