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छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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Bhatapara : भाटापारा– प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के साथ सारे उच्च स्तरीय नेताओं का नगर आगमन हो रहा है। ठीक इससे पहले जिले के मुद्दे पर सरकार से पूछे जाने वाले सवालों से नेताओं के पसीने छूटने लगे हैं। स्वतंत्र जिले के मुद्दे पर पूछे गए ये सवाल पाम्प्लेट के माध्यम से घर-घर पहुंचने लगे हैं।
पाम्प्लेट में जिन चार बातों का उल्लेख है उसमें शहीद नंदकुमार पटेल का बयान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान, उपमुख्यमंत्री टी. एस. सिंहदेव एवं कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर का बयान शामिल है। सभी ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार आने पर भाटापारा स्वतंत्र जिला बनेगा। अब जनता सरकार से पूछ रही है कि जब सारे नेताओं ने कह दिया था कि भाटापारा जिला बनेगा तब बात कहां पर अटकी है?
निश्चित रूप से इस चुनाव का सबसे प्रमुख मुद्दा स्वतंत्र भाटापारा जिले का है और आम जनता जिस हिसाब से जिले के मुद्दे पर स्थानीय नेताओं से सवाल जवाब कर रही है उससे यह तो तय है कि चुनाव से पहले यदि भाटापारा जिला नहीं बना तो कांग्रेस प्रत्याशी के लिए यह चुनाव कांटो भरा होगा।
स्वतंत्र जिले का मुद्दा 42 वर्षों पुरानी है इस मुद्दे पर अब सभी वर्ग के लोग खुलकर बोलने लगे हैं। बुद्धजीवी वर्ग के साथ अंतिम व्यक्ति भी जिले के मुद्दे पर सजग हो गया है। सभी का कहना है कि यदि कांग्रेस सरकार भाटापारा को स्वतंत्र जिला घोषित करती है तो कांग्रेस प्रत्याशी की जीत रिकॉर्ड वोटो से होगी किंतु यदि जिला नहीं बनाया जाता तो इनका खामियाजा भी कांग्रेस प्रत्याशी को भुगतना पड़ेगा।
लगातार पिछला दो चुनाव हारने के बाद अब कांग्रेस में मंथन का दौर चल रहा है। भाटापारा नगर आगमन के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से यह सवाल पूछा था कि आखिर प्रदेश में 71 सीटों पर काबिज हमारी सरकार भाटापारा चुनाव लगातार 2 चुनावों चुनावो क्यों हार रही है? इसका सीधा सा उत्तर अब कांग्रेस को ही ढूंढना है। वक्त रहते यदि जिले के मुद्दे पर निर्णय ले लिया जाता है तो निश्चित रूप से यहां का प्रत्याशी विजयी होगा।