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छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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Bhatapara : भाटापारा– तेज ही रहेंगी दलहन की कीमतें। इस धारणा के बीच, हो रही खरीदी के बाद अरहर और चना में तेजी का तूफान आ चुका है। समर्थन में बटरी और तिवरा भी गर्म होने लगे हैंं।
करीब आते त्यौहारों के दिन और चुनाव की दस्तक के साथ दलहन उत्पादक क्षेत्र से कम होती आवक के बीच अब दलहन की सभी किस्में गर्म होने लगीं हैं। यह स्थिति नई फसल की आवक तक बने रहने के प्रबल आसार हैं। दलहन के साथ तिलहन और गेहूं में भी गर्मी की संकेत मिलने लगे हैं।
Bhatapara : अनिश्चित मानसून। बड़ी कंपनियों में बढ़ती भंडारण की मनोवृत्ति। त्यौहारी मांग और चुनाव। यह सब मिलकर ऐसे कारक बने हुए हैं, जिनकी वजह से दलहन में तेजी आ रही है लेकिन चना और अरहर में जैसे हाल हैं, उसने दाल मिलों और उपभोक्ताओं के होश उड़ा दिए हैं। तेजी की धारणा के बीच बाहर में चना में 6500 से 6800 और प्रांगण में 5500 से 5800 रुपए क्विंटल पर खरीदी हो रही है। अरहर में सौदे 11हजार 500 रुपये क्विंटल पर हो रहे हैं।
मूंग और उड़द। तेजी के तूफान में यह दोनों भी आ चुके हैं। त्यौहार के लिए तैयार हो रहा दलहन बाजार को, दोनों की प्रति क्विंटल खरीदी पर 8000 से 8500 रुपए देने पड़ रहे हैं। पैक्ड फूड बनाने वाली कंपनियों की खरीदी अलग से दोनों में निकली हुई है। लिहाजा कमी के संकेत कम से कम नई फसल तक दिखाई नही देते।
बटरी और तिवरा। अल्प सिंचाई में तैयार होने वाली दलहन की यह दोनों किस्म जैसी छलांग लगा रही है, उससे बाजार और उपभोक्ता ही नहीं किसान भी हैरत में हैं। बोनी की मांग फिलहाल नहीं है लेकिन निम्न आय वर्ग वाले उपभोक्ताओं की मांग से बाजार को बटरी की खरीदी 5500 से 5700 रुपए और तिवरा की खरीदी 4400 से 4600 रुपए क्विंटल पर करनी पड़ रही है।