हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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भिलाई। छत्तीसगढ़ में अब ऑनलाइन सट्टा कारोबार में हवाला की एंट्री हो गई है। पुलिस अब तक महादेव एप, रेड्डी अन्ना, लोटस जैसे गेमिंग ऐप के जरिए ऑनलाइन सट्टा का कारोबार करने वालों को पकड़ रही थी। पहली आर पुलिस ने रायपुर में मुंबई के हवाला कारोबारी नीरू भाई के ठिकाने पर दबिश दी। यहो से पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर मौके से 81 लाख 75 हजार रुपये बरामद किए हैं। खासबात यह है कि पुलिस को यहां 1 रुपए, दो रुपए, पांच रुपए, 10 रुपए व 20 रुपए के नोट के बंडल मिले हैं। हवाला कारोबारी नीरू भाई खाइवालों की रकम हवाला के जरिए भेजता है। 1 से 20 रुपए के नोट इसके कोडवर्ड होते हैं।
दरअसल पुलिस ने 28 जून को रुआबांधा निवासी विनय कुमार यादव को अपनी कार में दक्षिण गंगोत्री सुपेला के मैदान कार में बैठकर ऑन-लाईन गेमिंग ऐप से सट्टा का कारोबार करते पकड़ा गया था। आरोपी से पूछताछ में पता चला कि उसने 5 लाख रुपए, 10 लाख रुपए, 4.50 लाख रुपए व 6 लाख रुपए हवाला के माध्यम से दिया था। उसने बताया कि वह मुंबई के हवाला कारोबारी नीरू भाई के खाईवाल के रूप में काम करता था। जिसके बाद पुलिस ने एक टीम गठित कर आरोपी विनय यादव की निशादेही पर नीरूभाई के रायपुर शंकर नगर स्थित दफ्तर में दबिश दी।
जहां तीन आरोपी हवाला के कारोबार का संचालन करते गिरफ्तार किए गए, जहां से पुलिस ने 81 लाख 75 हजार नकदी रकम बरामद की है। वहीं, तीन नोट गिनने वाली मशीन भी बरामद किया है पुलिस ने शक्ति जटेजा, जयेंद्र जटेजा और आकाश दवे को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी गुजरात के रहने वाले हैं और हाल फिलहाल रायपुर में रह रहे थे। पकड़े गए आरोपियों के पास से दो मोबाइल, 12,510 रुपये के आठ बंडल नोट समेत 81 लाख 75 हजार नकदी रकम बरामद की है। आरोपी इस नोट को टोकन बनाकर पासवर्ड के रूप में इस्तेमाल करते थे। वहीं, दफ्तर का संचालन करने वाला दिनेश भाई व्यास फरार बताया जा रहा है।
मुंबई से देश के अलग अलग हिस्सों में हवाला
नीरू भाई मुंबई में बैठकर देश के अलग-अलग ठिकानों में अपने दफ्तर खोलकर ऑनलाइन सट्टे को ऑपरेट करता है। वहां से हवाला की रकम कई जगह ठिकाने लगाई जाती है। आरोपियों पूछताछ में बताया कि रायपुर शंकर नगर स्थित दफ्तर से सोशल मीडिया के माध्यम से टोकन से नंबर प्रदाय करते थे। आरोपियों के द्वारा अलग-अलग नोट को टोकन बनाकर पासवर्ड की तरफ इस्तेमाल करते थे। आरोपी वाट्सएप के माध्यम से टोकन देने के बाद हवाले कारोबारी करने वाले नोट के नंबर के आधार पर दफ्तर जाने पर पैसे उपलब्ध करते थे। दफ्तर का संचालन अहमदाबाद निवासी दिनेश भाई व्यास के द्वारा किया जा रहा था जो कि अभी फरार है।