हमारे बारे में

छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।

Bhilai : फ्री होल्ड रजिस्ट्री को लेकर उद्योगपति परेशान, चेंबर ने वित्तमंत्री चौधरी से मिलकर बताई समस्या


भिलाई। छत्तीसगढ़ में फ्री होल्ड रजिस्ट्री पर आ रही समस्या से उद्योगपति परेशान है। इसके समाधान के चेंबर ऑफ कामर्स का प्रतिनिध मंडल महामंत्री अजय भसीन व अध्यक्ष गारगी शंकर मिश्र के नेतृत्व में वित्त व वाणिज्य मंत्री ओपी चौधरी से मिला। इस दौरान फ्री होल्ड रजिस्ट्री व जीएसटी ई-वे बिल पर सघन चर्चा की गई। अजय भसीन द्वारा उद्योग जगत की कई प्रमुख समस्याओ को मंत्री के समक्ष रखा गया।

अजय भसीन ने बताया कि उद्योग में फ्री होल्ड रजिस्ट्री पर आ रही समस्या से उद्योगपति परेशान है। इस समस्या पर त्वरित समाधान की आवश्यकता है। भसीन ने वित्त मंत्री चौधरी को जानकारी देते हुए बताया कि यदि शासन छत्तीसगढ़ में राजस्व व कर वृद्धि चाहता है तो उद्योग व उद्योग नीति पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उद्योग को बढ़ावा देने नीतियों को सरलीकरण की ओर, एकल खिड़की व्यवस्था की ओर ले जाना होगा।

जीएसटी विभाग के नोटिस से व्यापारी
भिलाई चेम्बर अध्यक्ष गारगी शंकर मिश्रा ने वित्तमंत्री ओपी चौधरी को बताया कि ईज डूइंग बिजनेस के तहत ई-वे बिल से संबंधित पूर्व अधिसूचना को यथावत रखने तथा राज्य के विभिन्न जिलों के व्यापारियों को जीएसटी विभाग द्वारा दिए गए नोटिस पर स्वतः रोक लगाने प्रदेश भर के व्यापारियों से प्राप्त नोटिस की प्रतिलिपि सहित ज्ञापन सौंपा। उन्होने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों के व्यापारियों को जीएसटी विभाग द्वारा वर्तमान में जीएसटीआर-1 फॉर्म देर से दाखिल करने के लिए जुर्माना नोटिस जारी किया है। विभाग द्वारा अचानक किये गए इस कार्यवाही से व्यापारियों में भय का माहौल है जिसके कारण उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिस पर वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उचित कदम उठाने की बात कही।

जीएसटी की जटिलताओं को दूर करने की जरूरत
जीएसटी प्रभारी संजु गेहानी बताया कि जीएसटी व्यवस्था भारत में अप्रत्यक्ष कर संरचना को सुव्यवस्थित करने के लिए शुरू किया गया एक प्रमुख सुधार है। हालांकि इसके कार्यान्वयन के बाद शुरुआती वर्षों में व्यापारियों और अधिकारियों दोनों के सामने कई चुनौतियां थीं। उन्होंने बताया कि नए अधिनियम की जटिलता, पोर्टल की अनभिज्ञता के साथ, अनजाने में त्रुटियां और अनुपालन में देरी हुई। इस अवधि के दौरान, व्यापारी, अधिकारी और कानूनी सलाहकार सभी जीएसटी अधिनियम की बारीकियों और इसके परिचालन तंत्र के बारे में खुद को शिक्षित करने की प्रक्रिया में थे। एक अप्रेल 2021 के बाद जीएसटी आर-1 देरी से फाइल करने पर पेनाल्टी के लिये अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। तत्पश्चात प्रारंभिक वर्षों के दौरान देर से फाइलिंग के लिए जुर्माना लगाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है। इसके लिए जीएसटी की जटिलताओं को दूर करने की जरूरत है। चेंबर के प्रतिनिधियों द्वारा रखे गए विषयों  पर वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उचित कदम उठाने की बात कही। इस अवसर पर चेम्बर के सुनील मिश्र, शंकर सचदेव, विशाल छाबड़ा, शिव राज शर्मा, मनोहर कृष्णानी उपस्थित थे।