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Breaking News :  दूध की आपूर्ति बढ़ाने रायपुर और बिलासपुर का दबाव


Breaking News :  भाटापारा- भाटापारा का दूध। बिलासपुर और रायपुर का खोवा। बरसों से चली आ रही यह व्यवस्था, इस वर्ष भारी मांग के दबाव में है। कीमत हालांकि ठहरी हुई है लेकिन मौसम और त्यौहारी मांग का दबाव बढ़ा, तो विवशता में दूध की कीमत बढ़ानी पड़ेगी। असर खोवा के भाव में भी नजर आएगा।

मौसम शीत ऋतु का और अवसर दीपावली का। यह दोनों मिलकर दूध उत्पादकों पर दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। हालांकि दूध उत्पादन में 15% वृद्धि की खबर आ रही है लेकिन डिमांड पूरी करने में डेयरियों की सांसें फूलने लगी हैं। इसलिए ग्रामीण क्षेत्र की मदद से संतुलन बनाए रखने के प्रयास किये जा रहें हैं।


Breaking News : दबाव इनका

खोवा बनाने वाले लघु उद्यमी। इनकी डिमांड ने दस्तक दे दी है। यह इसलिए क्योंकि दीपावली के लिए स्वीट कॉर्नरों ने तैयारी चालू कर दी है। साथ ही शादियों की तारीखें भी करीब हैं। दूसरा दबाव कैटरिंग एजेंसियों का भी बना हुआ है। इसलिए खोवा की मांग बढ़ी हुई है।


Breaking News : मांग बढ़ी घरेलू उपभोक्ताओं की

मौसम के बदलने के साथ घरेलू उपभोक्ताओं ने दूध की मांग बढ़ानी चालू कर दी है। इसके अलावा टी और कॉफी कॉर्नरों से भी मांग बढ़ चली है। हमेशा की तरह इनकी मांग को इस बार भी प्राथमिकता दी जा रही है क्योंकि यह दोनों दूध के स्थाई उपभोक्ता रहे हैं।


Breaking News : दूध में ऐसे हैं भाव

खंड क्षेत्र में प्रतिदिन 10 हजार लीटर दूध का उत्पादन होता है। चूंकि मौसम का साथ मिल रहा है, इसलिए इस समय उत्पादन में 1500 लीटर प्रतिदिन की वृद्धि हो चुकी है। लगभग इतनी ही मात्रा में, मांग भी बढ़ी हुई है। लिहाजा बढ़ी हुई मात्रा, खोवा बनाने वाले लघु उद्यमियों को दी जा रही है। कीमत की बात करें, तो इस समय प्रति लीटर 45 से 50 रुपए तय है।


मुकाबला खोवा में

300 से 320 रुपए किलो फीका खोवा। 200 से 220 रुपए किलो मीठा खोवा। मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूप में 20 किलो के पैक में ब्रांडेड खोवा भी इस बार मैदान में है। जिसकी खरीदी स्वीट कॉर्नरों से निकली हुई है।

कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद स्थानीय स्तर पर बनाया और बेचा जा रहा खोवा फिलहाल आगे ही है। यह इसलिए क्योंकि छोटे होटल इसकी ही खरीदी कर रहे हैं।