हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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CG Politics : रायपुर। छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस को 76 फ़ीसदी आरक्षण दिए जाने संबंधी पारित संशोधन विधेयक राजभवन में अब तक अटका हुआ है. ऐसे में आरक्षण बिल को लेकर प्रदेश में एक बार फिर सियासत गरमाई गई है. पंजाब के राज्यपाल पर सुप्रीम कोर्ट के एक्शन के बाद अब छत्तीसगढ़ में एक बार फिर आरक्षण बिल को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो चुकी है. देखिए रिपोर्ट..
CG Politics : विधानसभा ने 2 दिसंबर 2022 को आरक्षण संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पास किया था और उसे पांच मंत्रियों ने राज्यपाल को सौप था. तत्कालीन राज्यपाल अनुसूईया उइके भी बिल पर विचार विमर्श करते हुए हस्ताक्षर करने की बात कह रही थीं. मगर नए राज्यपाल के नियुक्ति होने के बाद और कई समाज के लोगों इस मामले पर कोर्ट जाने के बाद यह आरक्षण बिल पारित नहीं किया गया. वर्तमान राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने बजट सत्र में अपने अभिभाषण में आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा होने की बात भी रखी. वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से पंजाब के मामले पर फैसला सुनाया है जिसके बाद से छत्तीसगढ़ में भी राजनीति गरमा गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसपर टिप्पणी करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी सभी राज्यपाल के लिए है और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के लिए भी है. राज्यपाल को इसे संज्ञान में लेना चाहिए जो भी विधेयक को लेकर करना है और लिखना है वह करना चाहिए.