हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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Chhattisgarh : महासमुंद. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में डेंगू का खतरा बढ़ गया है. राज्य में डेंगू के 200 से ज्यादा मामले मिले हैं. इनमें ज्यादातर मरीज शहरी क्षेत्रों के हैं. केवल 20 प्रतिशत मरीज शहर के आसपास गांव के रहने वाले हैं. एक साथ डेंगू के इतने मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड में आ गया है. डेंगू के लक्षण, बचाव और सावधानी को लेकर लोगों को हिदायत दी जा रही है.
छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक डेंगू के केस दुर्ग और रायगढ़ से मिले है. इसके अलावा बस्तर , बीजापुर और रायपुर से मामले सामने आए हैं. इन मरीजों का इलाज जिला अस्पतालों और अर्बन हेल्थ सेंटरों में किया जा रहा है. वहीं स्वास्थ विभाग नगर निगमों के साथ मिलकर लार्वा पनपने वाले जगह पर मेलाथियान का छिड़काव करवा रहा है.
डेंगू एक वायरल बीमारी है. मादा एडीज मच्छर के काटने की वजह से डेंगू होता है. यह मच्छर गंदगी में नहीं बल्कि साफ जगह पर पनपते हैं और रात के अपेक्षा दिन के समय काटते हैं. डेंगू चार प्रकार का होते हैं, टाइप-1, टाइप-2, टाइप-3, टाइप-4. डेंगू को आम बोलचाल की भाषा में हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. सही तरीके से इलाज नहीं मिलने और मामला गंभीर हो जाने पर मरीज की मौत भी हो जाती है.
सिरदर्द, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द, ठंड लगने के साथ बुखार चढ़ना, जी मिचलाना, उल्टी आना, आंखों में दर्द, स्किन पर लाल चकत्ते होना, मुंह का स्वाद खराब लगना यह सभी डेंगू के लक्षण हैं.
डेंगू से बचाव के लिए घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें . कूलर, गमले, बर्तन आदि में पानी इकठ्ठे होने न दें और पानी को बदलते रहे.
सोते समय दिन हो या रात मच्छरदानी का उपयोग करें.
पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहने और कमरों की साफ-सफाई के साथ उसे हवादार बनाये रखें.
घर के आसपास गंदगी जमा न होने दें। जमे हुए पानी में मच्छर के लार्वा दिखने पर लर्विसायिड या मिट्टी का तेल डालें, 24 घंटे के बाद इस पानी को फेंके.
मच्छरों से बचने घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली जरूर लगाएं.
डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर स्वास्थ्य की जांच कराएं.