हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
Chhattisgarh Tribal Folk Art Academy : रायपुर। छत्तीसगढ़ आदिवासी लोक कला अकादमी की ओर से 9 दिवसीय नाचा समारोह के छठवें दिन सोमवार की शाम महंत घासीदास संग्रहालय परिसर रायपुर के मुक्ताकाशी मंच पर दर्शकों के सामने ”सियान बिना ध्यान नहीं” गम्मत छा गया। इस नाचा गम्मत के माध्यम से दौलत की लालच करने वालों का नतीजा और माता-पिता का महत्व बताया गया।
यहां अजयमाला नाचा पार्टी भर्रीटोला चारामा कांकेर के टकेश ठाकुर के नेतृत्व में हुए इस गम्मत की प्रस्तुति से पहले सभी कलाकारों का आदिवासी लोक कला अकादमी के अध्यक्ष नवल शुक्ल व चित्रकला कार्यशाला में आए बस्तर के मुरिया पेंटिंग के कलाकारों द्वारा अभिनंदन किया गया। इस गम्मत में गंभीर कथानक के बावजूद संवाद इतने ज्यादा हंसी-मजाक से भरपूर थे कि दर्शकों की हंसी छूटती रही। कथानक के अनुसार बुजुर्ग पति-पत्नी और दो बेटा-बहू का भरा पूरा परिवार है।
Chhattisgarh Tribal Folk Art Academy तीर्थ यात्रा पर रवानगी से पहले दोनों बुजुर्ग अपने बेटों और बहुओं को समझाइश देते हैं। खलिहान में 15 कट्ठा धान की भी जानकारी देते हैं। कुछ समय बड़ी बहू की मां की तबीयत खराब हो जाती है। यह सूचना मिलने पर बड़ी बहू चोरी से 5 कट्ठा धान भेज देती है और अपने भाई को बुला कर पैसा दे देती है जिसके कारण दोनों भाइयों में झगड़ा होने लगता है। झगड़ा इतना विकराल रूप ले लेता है आपस में सबकुछ बंटवारा भी कर डालते है। मां बड़े बेटे के हिस्से मे आती है और पिता छोटे बेटे के हिस्से में। तीर्थ यात्रा से लौटने के बाद मां बाप को सारा माजरा समझ में आता है। पिता चालाकी से एक पोटली बनाकर अपने सिरहाने पे रख लेता है और मरने का नाटक करता है। दोनों बेटे उस पोटली के लिए झगड़ा लड़ते हैं। पिता यह सारा माजरा देखकर उठ जाता है और समझाने लगता है मां बाप से बढ़कर धन दौलत रुपया पैसा नहीं होता। तब दोनों की आंखें खुलती है।
Chhattisgarh Tribal Folk Art Academy कमलेश ठाकुर के निर्देशन में मंचित इस गम्मत में मुख्य भूमिकाओं में दाई-सत्ते सिंह नरेटी, ददा-सुकचंद मरकाम, बड़ा बेटा-किशोर सिन्हा, छोटा बेटा-केशव साहू, बड़ी बहू-गोवर्धन निषाद, छोटी बहू-नरेश कोटपरिहा, बड़ी बहू का भाई-तकेश ठाकुर, डांसर- किशन साहू और सागर साहू थे। वहीं संगीत पक्ष से हारमोनियम-विश्वंभर निषाद, तबला-यमुना प्रसाद यादव, बैंजो-तकेश ठाकुर, शहनाई-उम्मेद टांडिया, नाल-संजय दर्रो, झुमका-नीलू कोर्राम ने अपना योगदान दिया।