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क्या आप चाहते हैं कि वॉयल की जांच किए बगैर बच्चों को टीका लगा दिया जाए


अगर नहीं तो पढ़िए जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की यह करतूत

दुर्ग। जिला अस्पताल दुर्ग में बीसीजी के टीके में अवांछित तत्व मिलने के मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। सजगता दिखा के बच्चों को बीसीजी का टीका रोकने वाले स्टाफ का हौसलाआफजाई करने के बजाय विभाग के अधिकारी उन्हें धमकाने व चमकाने में लगे हैं। अधिकारियों का पूरा प्रयास है कि मामले को पूरी तरह से दबा दिया जाए। इसके लिए वे सभी तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। हद तो यह कि मामले में वे अधिकारी आकर वैक्सीनेटर स्टाफ को धमका रहे हैं जिनका उस विभाग से लेना-देना ही नहीं है। इससे स्टाफ का मनोबल गिर रहा है।

गौरतलब है कि मंगलवार को जिला अस्पताल के एमसीएच बिल्डिंग में स्थित टीकाकरण केंद्र में रोजाना की तहर का बच्चों का टीकाकरण चल रहा था। इस दौरान वहां पर पदस्थ टीकाकरण स्टाफ ने देखा कि बीसीजी के वायल में काला रंग का कुछ पदार्थ तैर रहा है। स्टाफ ने तुरंत इसकी जानकारी चाइल्ड स्पेशियेलिस्ट डॉ रजनीशकांत मल्होत्रा को दी। डॉ मल्होत्रा ने सैंपल का जांच न होते तक बीसीजी का टीका बच्चों को न लगाने की हिदायत स्टाफ को दी। साथ ही इसकी जानकारी जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ दिव्या श्रीवास्तव को देने की बात कही। इसके बाद स्टाफ ने बीसीजी का टीका लगाना बंद कर दिया। बुधवार को जब टीकाकरण स्टाफ बच्चों को टीका लगा रहा था तो जिला मलेरिया अधिकारी डॉ सीबीएस बंजारे वहां पहुंचे और टीकाकरण स्टाफ को मिलने बुलाया। मामले को समझने की बजाय डॉ बंजारे टीकाकरण स्टाफ पर बीफर गए। स्टाफ को डांटते हुए उन्होंने कहा कि डॉ मल्होत्रा कौन होते हैं, उनको बताने की बजाय तुम लोगों को मुझे बताना चाहिए। इसपर स्टाफ ने कहा कि चाइल्ड स्पेशियेलिस्ट होने के नाते हम हमेशा से डॉ मल्होत्रा से मार्गदर्शन लेते हैं इसलिए इसबार भी उन्हीं से पूछा। यह सुन डॉ बंजारे और भड़क गए और कहने लगे कि मीडिया में बात फैलाते हो मैं तुम सब को सस्पैंड करा दूंगा, कोई बचाने नहीं आएगा। इससे टीकाकरण स्टाफ घबरा गया और सीएमएचओ डॉ मेश्राम से मुलाकात कर मामले से अवगत कराया।

साथी स्टाफ ने ही नहीं दिया साथ

एमसीएच बिल्डिंग के कमरा नंबर 18 में बच्चों का टीकारण का कार्य किया जाता है। यहां पर टीकों को रखने के लिए कोल्ड चेन सहित अन्य फ्रीजर भी रखे हुए हैं। इसकी इंचार्ज एलएचवी यशोदा राव हैं। मंगलवार को जब बीसीजी टीके में अवांछित तत्व दिखाई दिए तब यशोदा राव ड्यूटी पर उपस्थित नहीं थीं। उनके साथी स्टाफ मीना यादव और नरेंद्र बघेल ने भी मामले की गंभीरता को नहीं समझा और डीईओ को दिए जाने वाले प्रपत्र में हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। किसी बच्चे के साथ कोई अनहोनी न हो जाए इस चिंता से वैक्सीनेटर स्टाफ ने चाइलड स्पेशियेलिस्ट डॉ आरके मल्होत्रा और डीईओ डॉ दिव्या श्रीवास्तव को लिखित में सूचना दिया। इसके बावजूद सही समय में सहीं फैसला लेने वाले स्टाफ को डराया और धमकाया जा रहा है।

किस अधिकार से पहुंचे डॉ बंजारे

डॉ दिव्या श्रीवास्तव के अवकाश के रहने पर जिला टीकाकरण अधिकारी का प्रभार डॉ सीबीएस बंजारे को दिया गया था। अब जब डॉ श्रीवास्तव ने ज्वाइन कर लिया है तो वे हीं डीआईओ का कार्यभार देख रही हैं। इसके बावजूद बुधवार को डॉ बंजारे ने एमसीएच बिल्डिंग पहुंच कर टीकाकरण स्टाफ को धमकाया और कहा कि डॉ मल्होत्रा की बजाय मामले की जानकारी उन्हें देनी चाहिए। चर्चा यह कि डॉ बंजारे एक कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी हैं, उसी के बहकावे में आकर उन्होंने अपना धौंस दिखाया।

ऐसे स्टाफ को प्रोत्साहित करना चाहिए

जिला अस्पताल के टीकाकरण स्टाफ ने समय रहते सही फैसला लिया। अगर उस वायल से बीसीजी का टीका लगाने से किसी बच्चे को कुछ हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता। स्टाफ ने अपने अधिकारियों को जानकारी देते हुए टीकाकरण रोककर सजगता का उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऐसे स्टाफ को तो प्रोत्साहित करना चाहिए न कि उन्हें डराया धमकाना चाहिए। कर्मचारियों को डरने की जरुरत नही है, हमारा संगठन हमेशा कर्मचारियों के साथ खड़ा है और अगर कोई अधिकारी उन्हें हतोत्साहित करता है तो हम इसकी निंदा करते हैं।

सैयद असलम

प्रवक्ता और प्रदेश महामंत्री

छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ