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छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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Custard apple : भाटापारा- सरसों की खेती की तैयारी कर रहे किसानों के लिए खुशखबरी। सीताफल के बीज और पत्तियों की मदद से खतरनाक कीट मैनी का हमला न केवल रोका जा सकेगा बल्कि समूल खत्म भी किया जा सकेगा।
मैनी। एक ऐसा सूक्ष्म कीट, जो सरसों की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। सब्जी की फसलों पर यदि इसने प्रवेश कर लिया तो फसल को बचा पाना लगभग नामुमकिन ही होता है। दवाइयां तो हैं लेकिन असर न केवल उत्पादन पर होता है बल्कि भूमि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह घटती उर्वरा शक्ति के रूप में देखा जा रहा है। लिहाजा अनुसंधान में ऐसे जैविक कीटनाशक की खोज में सफलता मिली है, जो इन दुष्प्रभावों से मुक्त है।
बेहद सरल है सीताफल के बीज, पत्तियों और फल से जैविक कीटनाशक बनाना। बीज और पत्तियों को अच्छी तरह सूखा लेना होगा। हरे फल को भी ऐसे ही तेज धूप में सूखाना होगा। सूखने के बाद पीसना होगा। पाउडर का रूप लेने के बाद छानना होगा। 500 ग्राम पाउडर को 20 लीटर पानी में 24 से लेकर 42 घंटे तक रखें। तैयार है जैविक कीटनाशक। स्प्रे के दौरान ध्यान रखें कि छिड़काव पत्तियों और तनों तक हों ताकि जड़ों तक आसानी से पहुंच सके।
सीताफल के बीज और पत्तियों से बने जैविक कीटनाशक के इस स्प्रे से मैनी, मिलीबग, टरमाइट और चींटी की आबादी नियंत्रण में रखी जा सकेगी। समूल खात्मा में भी इसे सक्षम पाया गया है। दिलचस्प यह कि शत्रु कीट की लगभग हर प्रजाति को रोका जा सकता है।
सीताफल के बीज और पत्तियों से बना यह जैविक कीटनाशक बेहद खतरनाक है। बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से इसे दूर रखना है। छिड़काव करते वक्त त्वचा पर बूंदें न पड़ें, इसका ध्यान रखना बेहद जरूरी होगा।
सीताफल एक स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ कीटनाशक भी है l सीताफल के बीज, पत्तियों, छाल और जड़ों में निहित रसायनों में बहुत प्रभावी कीटनाशक गुण होते हैं l सीताफल के बीज में ऐसिटोजेनिन होता है, जिसमें कीटनाशक, तंत्रिका तंत्र प्रभावी एवं जीवाणुनाशक गुण होते हैं l
अजीत विलियम्स,वैज्ञानिक (वानिकी), बीटीसी कॉलेज आफ एग्रीकल्चर एवं रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर (छ.ग.)