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छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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नई दिल्ली. मौत की सजा के लिए फांसी की जगह किसी दूसरे तरीके को अपनाए जाने की मांग के मामले में सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार ने बताया कि इस मसले पर एक एक्सपर्ट कमेटी बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह इस मामले के हर पहलू की जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने पर विचार कर रही है. विशेषज्ञ समिति यह तय करेगी कि कानून के मौजूदा नियमों के मुताबिक फांसी की सजा पाने वाले कैदियों को फांसी देने से कम दर्दनाक तरीका खोजा जा सकता है या नहीं.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई को जुलाई तक के लिए टाल दिया. ‘जब तक मौत न हो जाए, तब तक कैदी को फांसी पर लटकाया जाए’, मौत की सजा का फैसला देते वक्त जज यही बोलते हैं. ऋषि मल्होत्रा नाम के वकील ने इसे एक क्रूर और अमानवीय तरीका बताते हुए एक याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि फांसी की पूरी प्रक्रिया बहुत लंबी है. मौत सुनिश्चित करने के लिए फांसी के बाद भी सजा पाने वाले को आधे घंटे तक लटकाए रखा जाता है. याचिका में कहा गया है कि दुनिया के कई देशों ने फांसी का इस्तेमाल बंद कर दिया है.