हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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हेल्थ डेस्क। अप्रैल महीने में ही गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। देश के कई हिस्सों में पारा 40 डिग्री को पार कर गया है। अभी कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र में एक बड़ी सार्वजनिक रैली के दौरान 13 लोगों की लू लगने से मौत हो गई। जानकारों का मानना है कि तेज धूप में खड़े होने के चलते लोगों के शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन हुई, जो उनकी मौत का कारण बना।
ऐसी में यह बात तो निश्चित है कि गर्मी में खूब पानी पीना चाहिए। लेकिन पानी कब, कैसे और कितना पिएं; इसको जानना भी जरूरी है। गलत वक्त पर और तय मात्रा से ज्यादा पानी पीना नुकसान भी पहुंचा सकता है।
गर्मी में कितना पानी पिएं?
डाइटीशियन डॉ. कोमल सिंह कहती हैं कि शरीर के मुताबिक पानी के जरूरत लोगों में अलग-अलग हो सकती है। लेकिन आम तौर पर गर्मी के दिनों में एक वयस्क इंसान को दिन में 8 गिलास यानी तकरीबन 3 से 3.5 लीटर पानी की जरूरत होती है।
एक बार में पूरा न करें कोटा
रोजाना 3 से 3.5 लीटर पानी पीने का मतलब यह नहीं है कि कोई दिन भर में आधा लीटर पानी पिए और शाम को एक बार में दो ढाई लीटर पानी पीकर अपना कोटा पूरा कर ले। ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है। शरीर को तर रखने के लिए जरूरी है कि पूरे दिन थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। एक बार में बहुत ज्यादा पानी पीने की जरूरत नहीं है। अगर सफर में हों तो घूंट-घूंट करके पानी पीते रहें।
जरूरत से ज्यादा पानी पीने से शरीर में खून की मात्रा भी जरूरत ज्यादा हो जाती है। इसके अलावा किडनी पर फिल्ट्रेशन का ज्यादा दबाव होता है। ज्यादा पानी पीने से शरीर का इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ सकता है और बॉडी में सोडियम का लेवल भी कम हो सकता है। सोडियम लेवल कम होने पर शरीर में ऐंठन और दर्द जैसी समस्याएं होने लगती है।
पानी का टेम्प्रेचर आपकी बॉडी जितना हो
कई बार ऐसा देखा जाता है कि लोग प्यास लगने पर फ्रिज से बोतल निकाल कर ठंडे पानी के घूंट भरते हैं। लेकिन ऐसा करना भी सेहत के लिए ठीक नहीं है। अगर हमारा शरीर गर्म है और हम अचानक से ठंडा पानी पिएंगे तो बॉडी के टेम्प्रेचर में अचानक से बदलाव आएगा। आम बोलचाल की भाषा में इसे ‘सर्द-गर्म’ कहते हैं। ये आदत बीमार कर सकती है।
जठराग्नि न बुझा दे ठंडा पानी
आयुर्वेदाचार्य पं. अभिषेक उपाध्याय बताते हैं कि बाहर का टेम्परेचर चाहे जितना ज्यादा या कम हो; हमारे शरीर का तापमान बहुत ज्यादा नहीं बदलता। ऐसे में जरूरी नहीं कि हम गर्मी के मौसम में पेट में ठंडी चीजें ही डालते रहें। ऐसा करने से पेट की जठराग्नि बुझ सकती है।
दरअसल, कई तरह के पाचन एंजाइम एक नियत तापमान पर ही रिलीज होते हैं। ऐसे में ठंडा पानी या कोई भी ठंडा ड्रिंक एंजाइम को रिलीज होने से रोक सकती है। जिसके चलते खाना पचने में दिक्कत आएगी। यही वजह है कि गर्मी के दिनों में लोगों में अपच और कै-दस्त की समस्या अधिक देखी जाती है।