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छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा निर्वाचन पूर्व सभी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की प्रथम स्तर की जांच (एफएलसी) 5 फरवरी से 14 फरवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। जांच को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश के सभी जिला एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारियों तथा तकनीकी टीम का ऑनलाइन प्रशिक्षण संपादित कराया गया।
प्रशिक्षण के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि प्रत्येक जिला मुख्यालयों में बैलेट युनिट, कंट्रोल युनिट तथा वीवीपेट की प्रथम स्तर की जाँच (एफएलसी ) की जाएगी। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को उपस्थित रहने का आग्रह जिला निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त दलों को भी इस संबंध में जानकारी भेजी गई है।
श्रीमती कंगाले ने बताया कि ऐसे विधानसभा क्षेत्रों के ईव्हीएम को जांच से पृथक रखा जाएगा जहां के निर्वाचन परिणामों को लेकर न्यायालयों में मामले लंबित हैं। शेष सभी क्षेत्रों के ईव्हीएम यूनिटों की 05 से 14 फरवरी तक जाँच पूरी कर ली जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग के सचिव श्री बी एस पात्रा के पर्यवेक्षण में आयोजित ऑन लाइन प्रशिक्षण के दौरान ईवीएम मशीनों की जाँच संबंधी सभी आवश्यक बिन्दुओं पर प्रकाश डाला गया । साथ ही लोकसभा निर्वाचन की तैयारियों के विभिन्न पहलुओं के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण के दौरान झारखण्ड की नोडल अधिकारी एवं प्रशिक्षक गीता चौबे ने प्रशासनिक पहलुओं तथा इलेक्ट्रानिक कार्पोरेशन आफ इंडिया के उप महाप्रबंधक पीसी मंडल ने ईव्हीएम जाँच संबंधी तकनीकी पक्षों पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षण में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, तकनीकी टीम के सदस्यों के साथ ही संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पीएस ध्रुव, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यूएस अग्रवाल, अपूर्व प्रियेश टोप्पो, सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रूपेश वर्मा एवं अरविंद शर्मा उपस्थित थे।