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मृत विवाहित बेटी को इंसाफ दिलाने दर-दर भटक रहे पिता


पुलिस की अब तक की कार्रवाई को बताया असंतोषजनक

भिलाई नगर। संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई इंजीनियर महिला शिल्पा चंद्राकर के पिता कुलेश्वर प्रसाद अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने पिछले एक माह से दर-दर भटक रहे हैं। मृतका की शादी 2020 में हुई थी। अक्सर ऐसा होता है कि संतान की असामयिक मृत्यु के बाद माता-पिता बदहवास हो जाते हैं और सदमे की हालत में उन्हें होश नहीं रहता कि आगे क्या कदम उठाया जाए। लेकिन, शिल्पा के पिता ने खुद को मजबूत रखा और उन्होंने इंसाफ की जंग को जारी रखने की ठान ली।

मालूम रहे कि छगराविमं में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर कार्यरत 31 वर्षीय शिल्पा चंद्राकर 14 जून को ससुराल में संदिग्ध परिस्थितियों में पंखे से लटकी हुई पाई गई। बताते चलें कि पुलिस ने मृतका के पिता की रिपोर्ट के आधार पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने वाले पति निखिलचंद्र कौशिक, उसकी मां चरण कौशिक और डेढ़सास तोमेश्वरी पाटनवार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस घटना के बाद से ही तीनों आरोपी फरार हैं, जिनका दो माह बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा।

आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शिल्पा के पिता ने अपने पारिवारिक मित्रों और बीएसपी के साथियों के साथ बुधवार की सुबह बोरिया गेट चौक से लगे मार्केट में प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। जिस वाहन से वे यहां पहुंचे थे, उस पर मामले की जांच की जाए तथा बेटी के साथ न्याय हो जैसे पोस्टर चिपके हुए थे। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाते हुए कहा कि केस दर्ज होने के बाद आरापियों के खिलाफ फौरन कार्रवाई होती, तो वे हवालात में होते। कहीं न कहीं कार्रवाई में ढिलाई बरती गई, जिससे उन्हें फरार होने का मौका मिल गया।

उन्होंने बताया कि इंसाफ की इस लड़ाई में लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है‌ और यह तब तक जारी रहेगी, जब तक कि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के पास आत्महत्या का कोई ठोस कारण भी नहीं था। वह एक लाख रुपए मासिक वेतन पाती थी और उसका तीन माह का स्वस्थ बेटा भी है। शारीरिक रूप से स्वस्थ उनकी बेटी पर कोई भी कर्ज नहीं था। उन्होंने हत्या हो या आत्महत्या दोनों ही परिस्थितियों में ससुराल वालों को जिम्मेदार ठहराया है।