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Flower market : ठंडा चल रहा फूलों का बाजार


Flower market : भाटापारा- हर घंटे बदल जा रही है फूलों की कीमत। पहली बार ऐसी प्रतिकूल स्थिति का सामना कर रहे फूल बाजार को उस दिन की प्रतीक्षा है, जब लोकल फसल की आवक शुरू होगी।

ठंडा चल रहा है फूलों का बाजार। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद उम्मीद थी कि फूल और माला की डिमांड निकलेगी लेकिन दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही मांग। स्थानीय मांग का नहीं होना और चल रहा पितृपक्ष वैसे भी बड़ी वजह है, तो बाहर से आने वाले फूलों की कीमत लगातार बढ़ते जाने से भी फूल बाजार की सेहत कमजोर हो चली है।


Flower market : प्रतीक्षा नियमित परिचालन की

रेल सेवाएं जिस तरह अनियमित हैं, उसका असर फूल बाजार पर भी देखा जा रहा है। फूल उत्पादक प्रांत पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और महाराष्ट्र से आने वाले फूलों की खरीदी इसलिए ऊंची कीमत पर करनी पड़ रही है क्योंकि निश्चित आवक के लिए सड़क मार्ग का सहारा लिया जा रहा है। जहां माल भाड़ा बढ़ा हुआ है।


Flower market : साथ पश्चिम बंगाल का

गेंदा। यह वह फूल है, जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है। देश में प्रमुख उत्पादक राज्य है पश्चिम बंगाल। यह प्रांत इस समय फूल बाजार का मजबूत सहारा बना हुआ है।। दिक्कत केवल पल-पल बदलने वाली कीमत से हो रही है। अस्थिर मांग के बीच फिलहाल यह 80 से 100 रुपए किलो पर चल रहा है।


Flower market : लोकल विलंब से

जिले में भी होती है फूलों की खेती लेकिन बरसने वाले बादल अभी-अभी ही गए हैं। बाड़ियों में पानी निकासी का काम अंतिम चरण में है। ऊंचाई वाली भूमि पर लगे पौधे की स्थितियों पर नजर रख रहे, किसानों ने सूचना भेजी है कि चालू माह के अंत तक ही नई फसल की आवक होगी। याने एक पखवाड़ा इंतजार और करना होगा।


उम्मीद नवरात्रि और चुनाव से

नवरात्रि और विधानसभा चुनाव। ठंडा चल रहे फूल बाजार को इन दोनों से अपेक्षित मांग की उम्मीद है लेकिन पल-पल बदलने वाली कीमत इसमें बाधा बन सकती है। इस आशंका के बीच बाजार कैसा रहेगा ? जैसे सवाल का जवाब मिल रहा है कि ‘कुछ नहीं कह सकते’।