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Ganga tamarind अनुपजाऊ भूमि को उपजाऊ बनाता है गंगा इमली का पेड़


Ganga tamarind भाटापारा– अनुपजाऊ भूमि को उपजाऊ बनाता है गंगा इमली का पेड़। अहम बात यह है कि इसमें भूमि को स्थिर रखने के गुण भी मिले हैं। इसलिए पौधरोपण की सूची में इसका भी नाम बहुत जल्द देखा जा सकेगा।

खोज, अनुसंधान और अंत में मिलने वाले परिणाम के बीच, अब गंगा इमली के पेड़ में बेहद अनोखे गुणों का होना पाया गया है। जो अहम जानकारी सामने आई है, उसके बाद माइंस एरिया में पक्के तौर पर न केवल हरियाली लाई जा सकेगी बल्कि ऐसे क्षेत्रों में फसल भी ली जा सकेगी, जिसे अनुपजाऊ मानकर छोड़ा जा चुका है।


Ganga tamarind यहां मिली सफलता

90 का दशक अहम था जब वानिकी वैज्ञानिकों ने कोरबा की खुली कोयला खान में पहला प्रयोग किया। गेवरा, कुसमुंडा तथा बिश्रामपुर ओपन कास्ट माइंस एरिया में खनन के बाद निकली बेकार मिट्टी के पहाड़ों पर गंगा इमली के पौधों का रोपण किया। सतत निगरानी और संरक्षण के कुछ ही सालों बाद गंगा इमली के पौधे पेड़ बनते गए और मेहनत सफल रही।


Ganga tamarind साथ में इस पर भी काम

वानिकी वैज्ञानिकों ने खान क्षेत्र में पौधे लगाने के बाद उसके गुणों की भी खोज की थी। जिसमें महत्वपूर्ण खुलासा हुआ कि गंगा इमली के पेड़ बंजर भूमि को ना केवल उर्वर बनाते हैं बल्कि भूमि को स्थिर करने में भी मदद करते हैं। यह बेहद महत्वपूर्ण सफलता थी।


Ganga tamarind फल है इम्यूनिटी बूस्टर

विटामिन-सी और इम्यूनिटी बूस्ट करने के मिले हैं गुण । शोध में इसके फल में एंटी ऑक्सीडेंट का होना भी पाया गया है। सेवन से कैंसर की बढ़ती कोशिकाओं को रोका जा सकेगा। डायबिटीज टाइप-टू पर भी प्रभावी नियंत्रण रखता है। पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए इसके फल का सेवन किया जा सकता है।


Ganga tamarind अब पौधरोपण में

ताजा-ताजा तैयार हुई वन संपदा योजना में गंगा इमली का नाम भले ही नहीं जुड़ा है लेकिन अनुसंधान में हुए खुलासे के बाद बहुत जल्द वन विभाग और निजी क्षेत्र के नर्सरियों में इसके पौधे दिखाई देने लगेंगे क्योंकि यह प्रजाति ज्यादा देखरेख नहीं मांगती। बारिश के पानी में ही यह पूरे साल जिंदा रह सकता है।

Ganga tamarind चिंता और अवसाद से राहत दिलाता है


जंगल जलेबी फल टैनिन,फ्लेवोनोइड, अल्कलॉइड एंटीऑक्सीडेंट से भरे होते हैं l इन फाइटोन्यूट्रिएंट्स में शक्तिशाली बायो एक्टिव लक्षण होते हैं, जो चिंता, अवसाद और सकारात्मक मूड को प्रभावित करने के अलावा स्मृति, अनुभूति, मस्तिष्क शक्ति को बढ़ाते हैं l

अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज आफ एग्रीकल्चरल एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर