हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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General Secretary of HMS Union भिलाई नगर । एचएमएस यूनियन के महासचिव प्रमोद मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रभक्ति और बेहिसाब जुमलों का गुब्बारा फुला कर सत्ता में आई बीजेपी 2014 से ही मध्यम वर्गीय नौकरीपेशा और किसान विरोधी नितियों जो एक वर्ग विशेष को फायदा (जो इनके स्पान्सर हैं ) कराती हैं। बलपुर्वक थोपती रहीं हैं।
कौन से मुद्दे हैं जिन पर ये मौन रहे ?
General Secretary of HMS Union 2017 से सेल कार्मिकों का वेतन समझौता लंबित था.4 साल तक भी जब वेतन वार्ता संपन्न नहीं हो पाया।
सेलकार्मिक असीमित ग्रेजुटी के हकदार थे और लगभग 30 लाख प्राप्त कर रहे थे जो आगामी वर्षों में सेवनिवृत होने वालों को 60 से 70 लाख मिलने वाला था. अब प्राप्त नहीं हो सकेगा।
General Secretary of HMS Union 2014 में नई सरकार आयी और तभी से HRA को ब्रेक कर दिया. अगर उस दिन से आज तक HRA की गणना की जाए तो कार्मिकों का लाखो रूपये का नुकसान हो चूका है.
टाउनशिप में जर्ज़र आवासों को लेकर यूनियन और कार्मिक लगातार संघर्ष करते रहे किन्तु नए आवासों का प्रस्ताव हर साल दिल्ली भेजे जाते है परंतु अब तक निर्णय नहीं दिया जा सका।
अन्य पब्लिक सेक्टर संस्थानों में 50000 से 150000 वार्षिक bonus मिलता है. किन्तु सेल कर्मियों को 20000 मिलता है।
5.भिलाई इस्पात संयत्र में 55000 कर्मचारियों का स्ट्रेंथ था जो आज घटकर 12000 हो गया जबकि उत्पादन दोगुना.
ज्यादा शोषण के शिकार ठेका कर्मी हैं केंद्रीय संस्थान के उत्पादन से जुड़े इन कार्मिकों को मिनिमम वेज के लाले पड़े हैं. इनका वेतन समझौता भी ठन्डे बस्ते में बंद है.
हर दो साल में ऑफिसर E-0 की प्रक्रिया का प्रावधान बना है पर 5 सालों में भी वैकेंसी नहीं निकलती. जिससे योग्य अनुभवी कर्मियों में निराशा और हताशा है. .इन सभी मुद्दों पर स्थानीय और राष्ट्रीय यूनियने संघर्ष करती रहीं सरकार मनमाने कार्मिक विरोधी नीतियाँ लाती रहीं.