हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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-दीपक रंजन दास
बिलासपुर पुलिस ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 48 घंटे के भीतर 11 आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. इन सभी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) एवं आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इसकी सूचना राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा पुलिस को उपलब्ध कराई गई थी। इधर, पिछले कुछ समय से अबोध बच्चियों पर यौन हमलों की खबरें लगातार आ रही हैं। हवस का शिकार होने वाली इन बच्चियों में 2 साल या उससे भी कम उम्र की बच्चियां तक शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों में से एक बिल्हा सरकारी स्कूल का व्याख्याता है। इन सभी पर छोटे बच्चों से जुड़ी अश्लील तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप हैं। चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर देश में सख्त कानून हैं। इंटरनेट सर्च इंजन पर बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री को सर्च नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके न केवल लोग ऐसी सामग्री ढूंढ रहे हैं, बल्कि उसे डाउनलोड भी कर रहे हैं। कुछ लोग ऐसा कंटेन्ट क्रिएट भी कर रहे हैं और उन्हें अपलोड भी कर रहे हैं। ऐसे कई व्हाट्सअप ग्रुप हैं जिसपर तरह-तरह की अश्लील सामग्री को साझा किया जा रहा है। इस मामले में दिलचस्प यह है कि मद्रास हाईकोर्ट ने जनवरी 2024 में एक राय दी थी। कोर्ट ने कहा था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को सर्च या डाउनलोग करना पोक्सो के तहत अपराध नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा था कि लोग ऐसा गुप्त रूप से करते हैं जिससे किसी और पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस फैसले को बाद में सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था। मार्च महीने में मुख्य न्यायाधीश ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि पोक्सो एक्ट में ऐसे घृणित कार्यों के खिलाफ सख्त प्रावधान हैं। ऐसे में हाईकोर्ट ऐसी टिप्पणी कैसे कर सकता है। छोटे बच्चों के साथ यौन दुव्र्यवहार की ये घटनाएं कोई नई नहीं हैं। इनमें से अधिकांश मामलों में परिवार के करीबी या स्वयं परिवार के लोग ही शामिल होते हैं। ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए ही पुलिस और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने ‘गुड-टच और बैड-टचÓ के प्रति बच्चों और उनके माता-पिता को आगाह करने का एक अभियान चलाया हुआ है। देश में पोर्नोग्राफिक कंटेन्ट तलाशने पर बैन है। सरकार ने कई पोर्न वेबसाइटों को प्रतिबंधित किया हुआ है। पर हकीकत इससे जुदा है। लगभग सभी पोर्न वेबसाइट नाम बदलकर भारतीय यूजर्स को सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं। साल 2018 में विश्व की नम्बर एक पोर्न वेबसाइट ने एक डाटा शेयर किया था। इसके मुताबिक अमेरिका और ब्रिटेन के बाद सर्वाधिक पोर्न देखने वाले इंडिया में हैं। लगातार पोर्न देखने वाले मानसिक रूप से अस्वस्थ हो जाते हैं। इनसे पूरे समाज को खतरा होता है। किन्तु, मानसिक स्वास्थ्य को देश ने कभी गंभीरता से लिया ही नहीं। फिलहाल वह किसी और काम में बिजी है।