हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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-दीपक रंजन दास
ड्रामेबाजी का राजनीति से चोली-दामन का रिश्ता है। ड्रामेबाज नेता मीडिया को मसाला देकर अकसर जनता का मनोरंजन करते हैं। राजनीति की बॉलीवुड प्रीति के पीछे भी ड्रामेबाजी का हाथ है। कहां रोना है, कितना रोना है, रोते-रोते बात कैसे करनी है, इसमें उन्हें भी महारत होती है। वो बुक्का फाड़ कर रो सकते हैं और रावण जैसा अट्टहास भी कर सकते हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया के आने के बाद तो ऐसे नेताओं की चांदी हो गई है जो अभिनय शास्त्र में विशारद हैं। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया को जेल से रिहा करना पड़ा। ऐन चुनाव के बीच हुई इस घटना ने पढ़ी-लिखी जमात को एक तगड़ा संकेत दे दिया। इसके असर को रोकना जरूरी था। चुनाव का वक्त बहसबाजी का नहीं होता। चुनाव के दौरान माहौल बनाने और उसे बनाए रखने पर फोकस किया जाता है। केजरीवाल की रिहाई के बाद सबसे बड़ा मुद्दा यह था कि इस मुद्दे को सुर्खी बनने से कैसे रोका जाए। इसके लिए एक बड़े ड्रामे की जरूरत थी। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने इस जरूरत को पूरा कर दिया। स्वाति मालीवाल का विवादों से पुराना रिश्ता है। उन दिनों देश में ‘मी-टू’ का दौर चल रहा था। महिलाएं बचपन में या कार्यस्थल पर अपने साथ हुए यौन दुव्र्यवहार की खबरें साझा कर रही थीं। यह सूची लगातार लंबी होती जा रही थी। स्वाति मालीवाल ने तब यह कहकर सनसनी पैदा कर दी थी कि उनके पिता ने बचपन में उनका यौन शोषण किया था। हालांकि इस आरोप को सुनने से पहले ही स्वाति के पिता का देहांत हो चुका था। स्वाति ने कहा था कि पिता के हाथों यौन उत्पीडि़त होने की इस घटना ने ही उन्हें महिला अस्मिता की लड़ाई लडऩे के लिए प्रेरित किया। पिछले साल उन्होंने यह कहकर सुर्खियां बटोरी थीं कि उन्हें दिल्ली एम्स के सामने हाथ पकड़कर घसीटा गया। आईटी ग्रेजुएट स्वाति एचसीएल में काम करती थी। उसने अन्ना हजारे के आंदोलन ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ से राजनीति में एंट्री ली। इसके बाद केजरीवाल और सिसोदिया के संगठन ‘परिवर्तन’ से जुड़ गईं। 2015 में उन्हें दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया जहां नियुक्तियों को लेकर उनपर कई आरोप लगे। स्वाति ने आप नेता जयहिन्द से विवाह किया था पर जल्द ही यह शादी टूट गई। पर इस बार आरोप गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के निवास पर उनके पीए ने उनके साथ बदसलूकी की। उनकी छाती और पेट पर प्रहार किए गए। पीरियड्स की वजह से वो पहले ही तकलीफ में थीं। ऐसे मामलों में आरोपी चाहे लाख सफाई दे, उसकी सुनता कौन है। जनता वही सुनती है जो वो सुनना चाहती है। मुसीबत तो पुलिस की है। मामला राजनीतिक है। जांच पूरी होने से पहले ही जिसका जो बिगडऩा होगा, बिगड़ जाएगा।