हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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भिलाई। विश्व कवि रवींन्द्रनाथ टैगोर के 163 वें जन्मदिवस पर देशभर में एक हजार कंठ कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर के गीत एक ही समय पर एक साथ गाएंगे और इसी काव्यांजलि में भिलाई से सौ से ज्यादा कलाकार जुडेंगे औऱ् इसमें छत्तीसगढ़ भर से गायक जुडेंगे। भिलाई की संस्था रवीन्द्र सुधा करीब 9 महीने से इसकी तैयारी कर रही है। यह कार्यक्रम रविवार सुबह 10 बजे से कला मंदिर में होगा। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ सहित भारत के कई शहरों में एक साथ एक ही समय पर होगा।
संस्था के विश्वजीत सरकार ने बताया कि यह उनकी संस्थआ पहले भी कोलकाता में हुए हजार कंठ के कार्यक्रम में शामिल हो चुकी है, लेकिन इस बार यह भारत के अलग-अलग राज्यों में एकसाथ रखा गया है। इसमें भारत के उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम से ग्यारह राज्यों मे शत कंठ सम्मेलन होगा। संस्था की सांस्कृतिक सचिव मऊ रे ने बताया कि कला मंदिर में होने वाले इस कार्यक्रम में एक साथ 20 गानों की श्रृंखला पेश की जाएगी।इस दौरान सभी राज्यों के कलाकार इंटरनेट के वेब कॉस्ट के माध्यम से एक साथ जुडेंगे। और इसका सीधा प्रसारण देख सकेंगे। उन्होने बताया कि इस कार्यक्रम को देखने संगीत प्रेमी नि:शुल्क प्रवेश ले सकते हैं। इस कार्यक्रम संस्था गीतिमाल्या की ओऱ् से रखा गया है और इसकी रूपरेखा एवं संगीत निर्देशन कोलकाता की अरुंधती देब का है। है। यह पूरे गीत एक ही ट्रैक पर चलेंगे औऱ् इस ट्रैक को सभी संस्थाओं को पहले से ही भेज दिया गया है ताकि वे सभी लगातार इस पर प्रैक्टिस कर सकें।
कई हिन्दीभाषी गायक
भिलाई की टीम में इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले कालाकारों में कई गायक हिन्दीभाषी है जो बंगाली गीतों को गा रहे हैं। वही कई ऐसे गायक है जिनकी उम्र 60 के उपर है औऱ् रिटायरमेंट की उम्र में अपना हुनर दिखा रहे हैं। संस्था के सदस्यों ने बताया कि गाने की फाइनल प्रैक्टिस शनिवार को की जाएगी। वही मंच को भी विशेष तरीके से सजाया जाएगा। ताकि इसमें शांति निकेतन का लुक नजर आए।