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छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रमुख सलाहकार ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में समाचार एजेंसी को बताया कि भारत ने दुनिया की “एजेंडा-ड्रिवन”, “नियो-कॉलोनियल” एजेंसियों की ओर से प्रशासन और प्रेस स्वतंत्रता जैसे विषयों पर की जाने वाली देशों की रैंकिंग को पछाड़ने की योजना बनाई है.
पीएम मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि भारत ने इस मुद्दे को वैश्विक मंचों पर उठाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि सूचकांक “उत्तरी अटलांटिक में थिंक-टैंक के एक छोटे समूह” द्वारा संकलित किए जा रहे हैं. यह तीन या चार फंडिंग एजेंसियों द्वारा प्रायोजित हैं जो “वास्तविक दुनिया के एजेंडे को चला रहे हैं.”
सान्याल ने कहा, “यह कुछ बिखरे हुए तरीके से केवल नरेटिव बनाना नहीं है. इसका सीधा असर व्यापार, निवेश और अन्य गतिविधियों पर पड़ता है.”
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी किए गए नए वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत अफगानिस्तान और पाकिस्तान से नीचे है. वी-डेम संस्थान द्वारा अकादमिक स्वतंत्रता सूचकांक में यह पाकिस्तान और भूटान से नीचे था.
सान्याल ने कहा कि पिछले एक साल में भारत ने विभिन्न बैठकों में विश्व बैंक, विश्व आर्थिक मंच (WEF) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) जैसे संस्थानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वैश्विक सूचकांकों को संकलित करने के तरीकों में खामियों की ओर इशारा किया है.
सान्याल ने कहा, “विश्व बैंक इस चर्चा में शामिल है क्योंकि यह इन थिंक-टैंकों से राय लेता है और इसे वर्ल्ड गवर्नेंस इंडेक्स के नाम पर इसे प्रभावी रूप से मान्य करता है.”