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वीसा को भारतीय स्ट्डेंट चिंतित न हो, ब्रिटेन पढ़ने वालों का हमेशा साथ देता है : ब्रिटेन के विदेश उपमंत्री

जोधपुर: आज़ादी-ए-हिन्दुस्तान के वक्त जोधपुर में बसा एक परिवार पाकिस्तान चला गया, और फिर वहां से इंग्लैंड. आज भारतीय मूल के उसी परिवार की अगली पीढ़ी का एक सदस्य ब्रिटेन का विदेश उपमंत्री है.

जोधपुर: आज़ादी-ए-हिन्दुस्तान के वक्त जोधपुर में बसा एक परिवार पाकिस्तान चला गया, और फिर वहां से इंग्लैंड. आज भारतीय मूल के उसी परिवार की अगली पीढ़ी का एक सदस्य ब्रिटेन का विदेश उपमंत्री है. अपने पुरखों की ज़मीन, यानी हिन्दुस्तान के 4 दिन के दौरे पर जोधपुर पहुंचे लॉर्ड तारिक़ अहमद का कहना है कि उनके लिए यह बेहद फ़ख़्र की बात है कि 1947 से पहले लंदन के जिस दफ़्तर से हिन्दुस्तान पर ब्रितानी हुकूमत चलाई जाती थी, आज वही दफ़्तर इंडिया ऑफ़िस कहलाता है, और लॉर्ड तारिक़ अहमद ही उसमें बैठा करते हैं. इसके अलावा, उन्होंने इंग्लैंड के वीसा नियम बदले जाने पर उपजी चिंताओं को लेकर भी बात की.

विम्बलडन के जागीरदार लॉर्ड तारिक़ अहमद का ननिहाल जोधपुर में है, और यहां के मोरों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने जागीरदार के तौर पर अपने चिह्न में मोरों को भी रखवाया है. भारत यात्रा के दौरान सबसे पहले जोधपुर पहुंचे लॉर्ड तारिक़ अहमद ने उम्मेद सिंह पैलेस में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया, “जो मेरा दफ़्तर है, वह इंडिया ऑफ़िस कहलाता है, और यह वही ऑफ़िस है, जहां से ब्रितानी हुकूमत इंडिया पर राज किया करती थी… लेकिन अब एक ही जेनरेशन में कितना कुछ बदल गया है…”