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Indira Kala Sangeet University Khairagarh : शानदार प्रस्तुतियों के साथ ‘श्रुति मंडल’ की शुरुआत


Indira Kala Sangeet University Khairagarh : खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में नए शैक्षणिक सत्र के पहले श्रुति मंडल कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कला विद्यार्थियों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर की मुख्य उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिवार उत्साह के साथ शामिल हुआ।

Indira Kala Sangeet University Khairagarh : कुलपति डॉ. चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में शैक्षणिक सत्र के पहले श्रुति मंडल के लिए समिति के सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने गायन, वादन प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों, शोधार्थियों की प्रशंसा की। संगीत संकाय के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. नमन दत्त के संगीत संयोजन और निर्देशन में हुई इन प्रस्तुतियों में नमन सोनी, प्रथा रामटेके, नम्रता गुप्ता, सुगम शिवाले, श्वेता शिवाले ने गायन पर अपनी शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन किया। साथ ही, गिटार पर रोमी, हारमोनियम पर लक्ष्मीकांत साहू, की-बोर्ड पर किशन गबेल और तबले पर राम भावसार और राम जोंधले की उंगलियों ने दर्शक दीर्घा को मुग्ध होकर स्वस्फूर्त तालियों के लिए विवश कर दिया। कुलपति डॉ. चंद्राकर ने कठिन रागों पर इन विद्यार्थियों के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया, साथ ही संगीत संकाय के अधिष्ठाता प्रो. दत्त को उन्होंने सुझाव दिया कि क्लिष्टता से परे कुछ सहज और सरल रागों पर भी विद्यार्थियों का अभ्यास हो।

Indira Kala Sangeet University Khairagarh : श्रुति मंडल समिति के सदस्यों डॉ. दीपशिखा पटेल, डॉ. हरि ॐ हरि और डॉ. दिवाकर कश्यप के संयोजन में संपन्न इस कार्यक्रम में लोक संगीत विभाग के अध्यापक और शोध सहायक डॉ. बिहारी लाल तारम द्वारा लिखित ‘छत्तीसगढ़ी लोकगीतों में नारी जीवन’ का विमोचन भी कुलपति डॉ. ममता चंद्राकर के हाथों किया गया। उन्होंने किताब और इसके लेखक के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त की। लेखक डॉ. तारम ने अपनी किताब की यात्रा पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए, सहयोगियों और मार्गदर्शकों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर प्रख्यात फिल्म निर्देशक और कला मर्मज्ञ प्रेम चंद्राकर, कुलसचिव प्रो. डॉ. आईडी तिवारी, सुविख्यात शास्त्रीय गायक डॉ. राजेश केलकर, छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार और संस्कृतिकर्मी डॉ. पीसी लाल यादव, वायलिन गुरू व खैरागढ़ विश्वविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता प्रो. डॉ. हिमांशु विश्वरूप, समस्त अधिष्ठातागण, शिक्षकगण, विद्यार्थी, शोधार्थी, अधिकारी, कर्मचारी समेत विश्वविद्यालय परिवार शामिल हुआ। कार्यक्रम का रोचक संचालन जयश्री साहू ने किया तथा श्रद्धा सुमन वाचन नेहा पटेल के द्वारा किया गया।