हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी भिलाई में आॅनलाईन माध्यम से 1 अक्टुबर को अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस, इंटरनेशनल डे ऑफ ओल्डर पर्सन्स के रूप में मनाया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डाॅ.जे. दुर्गा प्रसाद राव थे। आपने बताया कि यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली ने 14 दिसंबर 1990 में बुजुर्गों के लिए अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस घोषित किए जाने की बात रखी थी, जिसके बाद 1 अक्टूबर 1991 से इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. इस दिन हम सभी को ना सिर्फ बुजुर्गों के प्रति उदार होने का संकल्प लेना चाहिए, बल्कि बुजुर्गों की देखभाल की जिम्मेदारी भी समझनी चाहिए. इस दिन को मनाने का एक उद्देश्य उम्रदराज लोगों के साथ होने वाले भेदभाव, अपमानजनक व्यवहार को खत्म करना भी है. आजकल के लाइफस्टाइल और स्माल फैमिली कल्चर में बुजुर्गों को हेल्दी और हैप्पी रखना पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। कला संकाय के विभागाध्यक्ष डाॅ. जयश्री वाकणकर ने आज के युवा पीढ़ी को बुजुर्गो की समस्याओं के प्रति जागरूक रहकर इस उम्र में उनके सहारा बनने की बात कही।
यह कार्यक्रम महाविद्यालय के समाजशस्त्र विभाग के द्वारा आयोजित किया गया था। समाजशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक डा.ॅ महेन्द्र शर्मा नें विद्यार्थियों को अपने समाज के सभी बुजुर्गों के प्रति जागरूक होने की बात कही। आपने बताया कि वृद्धावस्था बचपन का पुनरागमन कहलाता है। इस अवस्था में बुजुर्गों को सहारा की बहुत आवश्यकता होती है, और वह अपने परिवार के सदस्यों से यह आशा एवं विश्वास रखते है कि जरूरत पड़ने पर भोजन, स्वास्थ, अर्थ एवं सेवा आदि से संबंधित समस्याओं में सहायता करेगें। परन्तु आज ज्यादातर बुजुर्ग खुद को परिवार और समाज से कटा हुआ महसूस कर रहे है। परिवार एवं समाज में वह सम्मान नही मिल पा रहा है जिसकी वह उम्मीद करता है। वृद्धाश्रम में वृद्धों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने विश्व में बुजुर्गों के प्रति हो रहे दुव्र्यवहार और अन्याय को समाप्त करने, लोगों में जागरुकता फैलाने एवं बुजुर्गों को उनका सही स्थान दिलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस मनाने का फैसला किया।
महाविद्यालय के कला संकाय के सभी प्राध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं ने आॅनलाईन मोड के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लेकर बुजुर्गों को परिवार एवं समाज में सम्मान दिलाने, उनके विभिन्न समस्याओं के समाधान करने एवं उनके सहारा बनने का संकल्प लिया। इस अवसर पर महाविद्यालय के निदेशक एवं प्राचार्य डाॅ. रक्षा सिह ने बुजुर्गों के प्रति शुभेक्षा रखते हुये अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस की बधाई एवं शुभकामनाऐं दी।