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लोकसभा चुनाव में भी चलेगी पीएम मोदी की गारंटी, भाजपा ने खेला नए चेहरों पर दांव


11 सीटें जीतने का लक्ष्य, तीन सीटों पर महिला उम्मीदवारों को मौका

भिलाई। भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव की तर्ज पर लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले की अपने 35 फीसदी सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। 16 राज्यों पर 2 केन्द्र शासित प्रदेशों की 195 लोकसभा सीटों में लिए प्रत्याशियों का ऐलान हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सहित सभी दिग्गजों के सीट फाइनल कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर भाजपा ने कांग्रेस को खुली चुनौती दे दी है। वहीं कांग्रेस पार्टी अपने पत्ते कब खोलेगी दूर-दूर तक इसके कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।

बहरहाल हम बात करें छत्तीसगढ़ के 11 सीटों की तो यहां भाजपा एक बार फिर मोदी की गारंटी पर चुनाव लड़ रही है। विधानसभा चुनाव में तीन सांसदों को टिकट दिया और वे विधानसभा पहुंच गए। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां की 11 में से 9 सीटों पर कब्जा किया था। इस बार केवल दुर्ग व राजनांदगांव में ही मौजूदा सांसदों को मौका मिला है शेष चार सीटों पर प्रत्याशी बदल दिए गए हैं। तीन सीट जिसके सांसदों ने विधायक बनने के बाद इस्तीफा दिया वहां भी नए चेहरों को मौका दिया गया। शेष दो सीटें जहां भाजपा को हार मिली थी वहां भी नए फेस चुनावी मैदान में हैं। कोरबा से सरोज पाण्डेय व बस्तर से महेश कश्यप भाजपा के उम्मीदवार हैं और देखना यह है कि इस बार भाजपा 11 सीटें जीतने का अपना लक्ष्य पूरा कर पाती है या नहीं।

पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे बृजमोहन अग्रवाल
लोकसभा के लिए छत्तीसगढ़ से भाजपा की लिस्ट में सबसे चौंकाने वाला नाम रायपुर दक्षिण के विधायक व कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का है। 8 बार से विधानसभा का चुनाव जीत रहे बृजमोहन अग्रवाल को इस बार केन्द्र में ले जाने की तैयारी कर ली गई है। बृजमोहन अग्रवाल को छत्तीसगढ़ में भाजपा का संकट मोचक कहा जाता है और ऐसे में इस बार रायपुर से बृजमोहन को टिकट देकर भाजपा ने बड़ा दांव खेला है। टिकट मिलने के साथ ही बृजमोहन की जीत पक्की मानी जा रही है और उनके कद को देखते हुए केन्द्र में सम्मान जनक स्थान मिलने की भी संभावना जताई जा रही है। बृजमोहन के केंद्र में जाने के बाद छत्तीसगढ़ में दो कैबिनेट मंत्री के पद बचेंगे जिसमें अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत जैसे अनुभवी नेता मंत्री बन सकते हैं।

विजय व संतोष को मिला विधानसभा में जीत का तोहफा
छत्तीसगढ़ में भाजपा ने केवल दो सीट दुर्ग व राजनांदगांव में ही मौजूदा सांसदों को टिकट दिया है। विजय बघेल व संतोष पाण्ड़ेय को विधानसभा में जीत का तोहफा दिया गया है। विजय बघेल के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव का घोषणा पत्र तैयार किया गया था, जिसमें जनहित की कई घोषणाओं को शामिल किया गया। वहीं राजनांदगांव के सांसद संतोष पाण्डेय बस्तर संभाग के प्रभारी बनाए गए। दोनों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। इसके अलावा विजय बघेल ने पाटन विधानसभा सीट पर छत्तीगसढ़ के तात्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कड़ी चुनौती दी थी। इसके अलावा दोनों ही संसदीय क्षेत्र में यह दोनों प्रत्याशी जीत के दावेदार हैं।

कोरबा से सरोज पाण्डेय पर दांव
भाजपा ने कोरबा संसदीय क्षेत्र से दुर्ग जिले की कद्दावर नेत्री सरोज पाण्डेय को मैदान में उतारा है। बताया जा रहा है कि भाजपा ने रणनीति के तहत कोरबा से सरोज पांडेय को लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यहां से कांग्रेस की ज्योत्सना महंत सांसद हैं। ज्योत्सना महंत छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत की पत्नी हैं। कोरबा सीट में कांग्रेस नेता चरणदास महंत का काफी दबदबा है। सरोज पांडेय छत्तीसगढ़ बीजेपी में बड़ी महिला लीडर मानी जाती हैं। कोरबा से यदि कांग्रेस एक बार फिर से ज्योत्सना महंत को टिकट देती है तो यहां मुकाबला काफी रोचक हो जाएगा। 2019 के चुनाव में ज्योत्सना महंत ने कोरबा से भाजपा प्रत्याशी ज्योतिनंद दुबे को लगभग 26000 वोटों से पराजित किया था। कांग्रेस इस बार भी उनसे ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी।

चार सांसदों के टिकट कटे, इन्हें मिला मौका
भाजपा ने छत्तीसगढ़ के चार मौजूदा सांसदों का टिकट काटकर नए चेहरों पर दांव खेला है। रायपुर सांसद सुनील सोनी का टिकट काटकर बृजमोहन अग्रवाल को दिया गया। इसके अलावा कांकेर सांसद मोहन मंडावी का टिकट काटकर भोजराज नाग को प्रत्याशी बनाय गया है। भोजराज नाग अंतागढ़ से विधायक थे और विधानसभा चुनाव में उनका टिकट कट गया था। अब उन्हें लोकसभा के लिए प्रत्याशी बनाया गया। इसी प्रकार महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू का टिकट काटकर महिला उम्मीदवार रूपकुमारी चौधरी पर विश्वास जताया गया है। वहीं जांजगीर चांपा सांसद गुहाराम अजगले की जगह महिला प्रत्याशी कमलेश जांगड़े पर विश्वास जताया है। वहीं सरगुजा सांसद रेणुका सिंह, बिलासपुर के सांसद अरुण साव को विधानसभा चुनाव लड़ाया गया था, जो चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं। इन सीटों पर भी भाजपा ने नए चेहरों पर दांव खेला है।

चिंतामणि महाराज को मिला घर वापसी का इनाम
विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भाजपा की ओर से सरगुजा से सांसद का टिकट मिलने के आश्वासन पर ही महाराज ने भाजपा  का दामन थामा था और आज बीजेपी ने अपने इसी वादे को पूरा कर उन्हें सांसदी का टिकट दिया है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर चिंतामणि महाराज बागी हो गए थे और बृजमोहन अग्रवाल के समक्ष सरगुजा से लोकसभा का टिकट मिलने की शर्त पर भाजपा में वापसी की थी। चिंतामणि महाराज को भाजपा ने सरगुजा से उतारकर अपना वादा निभाया है। इसके अलावा रायगढ़ से राधेश्याम राठिया व बिलासपुर से तोखन साहू जैसे नए चेहरों पर भाजपा ने दांव खेला है।  

जातिगत समीकरण का भी रखा गया ध्यान
भाजपा ने छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए अनुसूचित जाति जनजाति (एसटी) वर्ग से चार, अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से एक, पिछड़ा (ओबीसी) वर्ग से दो और और सामान्य वर्ग से चार लोकसभा प्रत्याशियों को मौका दिया है। सभी 11 सीटों को लेकर जातिगत, सामाजिक और भौगोलिक समीकरण को ध्यान में रखकर उम्मीदवारों के नाम का एलान किया गया है। इस बार भाजपा का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर जीत दर्ज की जाए। इसके लिए भाजपा ने बिसात बिछा दी है और देखना यह है कांग्रेस कब अपने पत्ते खोलेगी और भाजपा का मुकाबला करने क्या रणनीति अपनाएगी।

छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी

  1. रायपुर- बृजमोहन अग्रवाल
  2. दुर्ग – विजय बघेल
  3. राजनांदगांव- संतोष पांडेय
  4. कोरबा- सरोज पांडेय
  5. सरगुजा – चिंतामणि महाराज
  6. रायगढ़- राधेश्याम राठिया 
  7. बिलासपुर- तोखन साहू
  8. महासमुंद- रूपकुमारी चौधरी
  9. बस्तर- महेश कश्यप
  10. कांकेर- भोजराज नाग
  11. जांजगीर-चांपा-  कमलेश जांगड़े