हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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छत्तीसगढ़ में एक महीने से चल रही पटवारियों की हड़ताल खत्म हो गई है। पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने देर शाम सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद पटवारी संघ के प्रातंध्यक्ष भागवत कश्यप ने कहा कि जनहित को देखते हुए हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले हड़ताल पर बैठे पटवारियों को राजस्व विभाग ने 19 जून तक वापस लौटने का अल्टीमेटम दे दिया था। अगले चार दिन में पटवारी काम पर नहीं लौटते हैं, तो बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी जाती।
दऱअसल, गुरुवार को सभी पटवारियों को नामजद नोटिस जारी करते हुए 19 जून तक कार्य पर वापस लौटने का निर्देश दिया गया है। सरकार के सख्त रुख के बाद भी राजस्व पटवारी संघ अपनी मांग पर अड़ा हुआ है। राजस्व सचिव की पटवारी संघ के पदाधिकारियों से दो दौर की बातचीत विफल रही है। अब गुरुवार को देर शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बुलावे पर संघ के पदाधिकारी मुख्यमंत्री निवास पहुंचे हैं।
हड़ताली पटवारियों ने सरकार पद दबाव बनाने की नीयत से अपनी आठ मांगों में एक मांग और जोड़ते हुए नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विशेष भत्ता देने की मांग की है। इस बीच, राजस्व विभाग ने प्रदेश के सभी पटवारियों की आइडी को ब्लाक करके साफ कर दिया है कि वह किसी तरह के दबाव में आने वाले नहीं हैं। इससे पहले राजस्व विभाग ने हड़ताल पर गए 4500 पटवारियों की आइडी को ब्लाक कर दिया था। सेवा समाप्ति के अल्टीमेटम के बीच पटवारियों में भी दहशत का माहौल है।
दूसरा धड़ा कार्य पर, लेकिन उनकी भी आइडी ब्लाक
प्रदेश में पटवारियों का दो संघ है। जिसमें राजस्व पटवारी संघ के सदस्य तो शुरू से ही हड़ताल पर हैं। उनकी आइडी पांच जून को ही ब्लाक कर दी गई थी। वहीं, गुरुवार को छत्तीसगढ़ पटवारी संघ के 753 सदस्य, जो कि शुरू से ही हड़ताल पर नहीं है, उनकी आइडी भी ब्लाक कर दी गई है। इसी बीच 400 से ज्यादा पटवारियों ने हड़ताल छोड़कर दूसरे संघ की सदस्यता ले ली है और काम करना चाह रहे हैं, लेकिन फिर भी उनकी आइडी ब्लाक कर दी गई है।
एस्मा के नौ दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
पटवारियों के हड़ताल पर रहने की वजह से आम लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए सीएम भूपेश बघेल ने सख्ती करने के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में सात जून को एस्मा भी लगाया गया, लेकिन अब तक एस्मा के एवज में किसी प्रकार की कोई सख्ती नहीं की गई है।
राजस्व निरीक्षक भी समर्थन में उतरे
पटवारियों की हड़ताल को सभी तरफ से समर्थन मिल रहा है। पहले तो कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने इनका समर्थन करते हुए उनका काम करने से इंकार कर दिया। इसके बाद कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने भी अपना समर्थन देते हुए एस्मा का विरोध किया। इसी बीच राजस्व निरीक्षकों ने भी पटवारियों का समर्थन किया है और वे भी 25 जून से काम छोड़कर हड़ताल को समर्थन देने वाले हैं।
राजस्व पटवारी संघ प्रांताध्यक्ष भागवत कश्यप का कहना है कि हमारी मांगें जब तक नहीं मानी जाएंगी, हम हड़ताल पर डटे रहेंगे। अब शासन को जो भी निर्णय लेना है, ले सकते हैं वे स्वतंत्र हैं। हमारा आंदोलन निरंतर जारी रहेगा। छग राजस्व विभाग सचिव एनएन एक्का का कहना है कि सभी हड़ताली पटवारियों को अंतिम अल्टीमेटम दिया गया है। अगर वे काम पर वापस नहीं लौटे तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। जो शुरू से ही काम पर हैं, उनकी आइडी खोल दी जाएगी।