हमारे बारे में
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
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भोपाल। कुटुंब न्यायालय में करीब दो साल में ऐसे मामूली बातों में दंपती के बीच झगड़े के मामले आए हैं, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। इसमें मामूली विवाद के कारण तलाक तक मामले पहुंच गए हैं।इसमें पतियों ने शिकायत की है कि उनकी पत्नियों को खरीदारी की बीमारी है। वे बिना सोचे-समझे आनलाइन शापिंग करती हैं। इतना ही नहीं वे कभी भी एक प्रोडक्ट से एक बार में खुश नहीं होती। प्रोडक्ट आने के बाद उसमें कोई ना कोई खामी निकालकर उसे एक्सचेंज के लिए भेज देती हैं। सारे काम छोड़कर दिन के कई-कई घंटे वह इसी में लगी रहती है। घर पर बार-बार कुरियर ब्वाय आने से परेशान हो जाते हैं, इसलिए अब पत्नी के साथ रहना मुश्किल है।
दरअसल, दंपति के बीच पत्नी की बिना सोचे समझे शापिंग करने की आदत के कारण विवाद शुरू हुआ और अब पति तलाक का मन बना चुका है।हालांकि काउंसलिंग कर इन्हें सुलझा लिया गया है।अब ये दंपती साथ रहने के लिए तैयार हैं।
आधी सैलरी शापिंग में खर्च
एक कंपनी में एचआर के पद पर कार्यरत पति ने बताया कि उनका घर गैर जरूरी सामान से भर चुका है। इस सामान को रखने के लिए भी पत्नी अलग से शापिंग करती है। शादी को दो साल हो चुके हैं, लेकिन वह पत्नी की फिजूलखर्ची से वह तंग आ गया है।उसकी आधी सैलरी शापिंग में ही खर्च हो जाती है।
खरीददारी की लत
रचना नगर निवासी पति ने बताया कि पत्नी की आनलाइन शापिंग पर लगाम लगाने उसने आनलाइन पेमेंट का आप्शन बंद कर दिया।कुछ हद तक लगाम लगी, लेकिन अब पत्नी आए दिन माल पहुंच जाती है, जो सस्ता दिखता है खरीद लेती है। इसमें से 60 प्रतिशत चीजें उनके काम की नहीं होती। पति ने पत्नी को समझाने के लिए काउंसलर की मदद ली।